बलौदाबाजार हनीट्रैप केस…पूर्व TI की अग्रिम जमानत याचिका खारिज: पद का दुरुपयोग कर जांच सही नहीं करने का आरोप 

राजेन्द्र देवांगन
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छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार के बहुचर्चित सेक्स स्कैंडल मामले में पूर्व थाना प्रभारी अमित तिवारी की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दी। अमित तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने इस गिरोह से जुड़े मामलों में अपनी आधिकारिक पोजिशन का दुरुपयोग किया।

आरोप है कि उन्होंने गिरोह से मिलीभगत कर ब्लैकमेलिंग से उगाही की गई। रकम में गिरोह के सदस्यों से बड़ा हिस्सा प्राप्त किया। भयादोहन के शिकार 5 प्रार्थियों की शिकायत के आधार पर हनीट्रैप के मामले में 5 एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। पुलिस और जांच एजेंसियों एक पुलिस आरक्षक समेत 10 नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।

अभियुक्तों के कथन के आधार पर आरोपी बनाया गया- वकीलजून 2023 से मार्च 2024 तक बलौदाबाजार के थाना प्रभारी अमित तिवारी के वकील की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका में दावा किया था कि, उन्हें फंसाया जा रहा है। उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं। सिर्फ मामले के अन्य अभियुक्त के मैमोरैंडम कथन के आधार पर आरोपी बनाया गया है।उस प्रकरण में आवेदक का किसी प्रकार का कोई लेनदेन नहीं है।

आवेदक का स्थानांतरण जशपुर हो गया है। उसके स्थानांतरण के 9-10 महीने बाद प्रकरण में संलिप्त किया गया है। गिरफ्तारी की दशा में बर्खास्तगी की संभावना है। इसलिए आवेदक को अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाए।थाना प्रभारी का अपराध में शामिल होना अपराध की गंभीरता को बढ़ावा- कोर्टजमानत याचिका पर प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार वर्मा की कोर्ट ने कहा कि, भयादोहन के शिकार प्रार्थी रिटायर बैंक कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि, भयादोहन कर उससे 15 लाख रुपए की उगाही की गई है।

अपराध क्रमांक 260/24 में दर्ज FIR में तत्कालीन थाना प्रभारी पर भयादोहन के मामले में 15 लाख रुपए की उगाही कर आपस में बांटकर मामले को रफा-दफा करने का आरोप है।केस डायरी में इस बात का उल्लेख है कि मामले में आवेदक अमित तिवारी की भी संलिप्तता है। उसे भयादोहन से प्राप्त राशि का अंश बंटवारे में प्राप्त हुआ है।

आवेदक पुलिस अधिकारी है और घटना के समय थाना प्रभारी के पद पर पदस्थ था। इस तरह के अपराध में शामिल होना अपराध की गंभीरता के आवेदन पत्र इनकार कर निरस्त किया जाता है।दीपावली के पहले होगी और भी गिरफ्तारियांबता दें कि, हनी ट्रैप गिरोह ने कई शासकीय और निजी अधिकारियों सहित शहर के बड़े लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनके निजी वीडियो-तस्वीरों के आधार पर ब्लैकमेल किया था।

भयादोहन के इस खेल में पुलिस अधिकारी, नेताओं और मीडिया से जुड़े लोगों का नाम सामने आया है।सूत्रों की माने तो दीपावली के 2 या 3 दिन पहले मामले में शामिल मीडिया कर्मियों, नेताओं सहित कुछ और बड़ी गिरफ्तारियां तय मानी जा रही है। सिटी कोतवाली थाना प्रभारी अजय झा के अनुसार अन्य गिरफ्तारियों पर चल रही विवेचना अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक पूरी कर ली जाएगी।

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