यह पूरा मामला आमानाका का थाना क्षेत्र का है।रायपुर AIIMS में 6 लाख का रेडियोएक्टिव डस्टबिन चोरी हो गया है। ये डस्टबिन लेड धातु से बना हुआ था। जिसे सफाई कर्मचारियों ने भारी भरकम देखकर कबाड़ को बेचने की प्लानिंग की। फिर उसे चोरी कर लिया। न्यूक्लियर डिपार्टमेंट को इस बात की खबर लगी तो उन्होंने पु.यह पूरा मामला आमानाका का थाना क्षेत्र का है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान विज्ञान संस्थान रायपुर(AIIMS) के अधिकारियों ने पुलिस को बताया कि न्यूक्लियर विभाग में रेडियोधर्मी अपशिष्ट(कचरे) को सुरक्षित रूप से खत्म करने के लिए अस्पताल में करीब 6 लाख रुपए कीमत की डस्टबिन खरीदी थी। इसे विभाग में रखा गया था। तभी यहां पर काम करने वाले तीन सफाई कर्मचारी की नियत खराब हो गईइस डस्टबिन में कैंसर की इलाज से संबंधित अपशिष्ट पदार्थों को डाला जाता है।
भारी-भरकम देखकर कबाड़ को बेचने की तैयारीइन सफाई कर्मचारियों ने इस डस्टबिन को चोरी करने का प्लान बनाया। फिर चालाकी से डस्टबिन को न्यूक्लियर डिपार्टमेंट से चोरी कर किया। दरअसल आरोपियों को सफाई के दौरान डस्टबिन के भारी भरकम वजन को देखकर लगा था कि कबाड़ में बेचकर इसके अच्छे रुपए मिल जाएंगे।
ये सभी आउटसोर्स के कर्मचारी थे।ये तीनों आरोपी दिनेश कुमार बंजारे, भूपेंद्र कुमार पटेल और राजकुमार साहू है।CCTV में फंसेपुलिस ने जब इस मामले में छानबीन शुरू की तो उन्होंने एम्स कैंपस के भीतर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला। जिसमें कर्मचारी डस्टबिन की चोरी करते कैद हो गए। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की तो उन्होंने लेड धातु के डस्टबिन को चोरी की बात कबूल कर ली।
जिसके बाद पुलिस में डस्टबिन को बरामद कर लिया। ये तीनों आरोपी दिनेश कुमार बंजारे, भूपेंद्र कुमार पटेल और राजकुमार साहू है।कैंसर के इलाज में होती है इस्तेमालयह रेडियोधर्मी लेड डस्टबिन कोई सामान्य डस्टबिन नही है।
इस डस्टबिन में कैंसर की इलाज से संबंधित अपशिष्ट पदार्थों को डाला जाता है। जिसमें रेडिएशन का इंपैक्ट बाहर न आए। यदि हम अपशिष्ट लोगों के डायरेक्टर संपर्क में आता तो इसका स्वास्थ्य में बुरा प्रभाव पड़ सकता था।
Editor In Chief