कलेक्टोरेट से लेकर कई विभागों में काम प्रभावित रहा, बारिश में भीगते हुए धरने पर डटे रहे
बिलासपुर में शुक्रवार को कर्मचारियों की प्रदेशव्यापी सामूहिक हड़ताल के चलते जिला मुख्यालय सहित तहसील और ब्लॉक में कामकाज ठप रहा। रजिस्ट्री, कलेक्टोरेट से लेकर नई-पुरानी कंपोजिट बिल्डिंग सहित विभिन्न विभाग के कार्यालयों में कामकाज प्रभावित हुआ।.अधिकारी जरूर अपने अपने कार्यालयों में पहुंचे पर बिना कर्मचारियों के कहीं पर भी फाइलों की मूवमेंट नहीं हुई।
छत्तीसगढ़ लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने दावा किया कि बिलासपुर जिले के 30 हजार सहित छत्तीसगढ़ के करीब साढ़े चार लाख कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेकर काम बंद हड़ताल पर रहे।कर्मचारियों की प्रदेशव्यापी सामूहिक हड़ताल के चलते जिला मुख्यालय सहित तहसील और ब्लॉक में कामकाज ठप रहा।
बारिश में भीगते कर्मचारी नेहरू चौक पर धरना देते रहेसुबह से रुक-रुककर हो रही बारिश के बावजूद हड़ताली कर्मचारी नेहरू चौक पर भीगते रहे पर धरना पंडाल पर प्रदर्शन से पीछे नहीं हटे। कर्मचारियों ने अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर जुलूस निकाल कर कलेक्टोरेट में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम संयुक्त कलेक्टर पात्रे को मांगों का ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में छग प्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी अध्यक्ष रोहित तिवारी,
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन संभागीय प्रभारी जीआर चंद्रा, जिला संयोजक बीपी सोनी, जिला महासचिव किशोर शर्मा, विवेक दुबे, सुनील यादव, राखी कौशिक, पुष्पा श्रीवास्तव आदि शामिल थे।इन मागों को लेकर हुई हड़तालछत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन, बिलासपुर ने प्रांतीय बैठक के निर्णय अनुसार शुक्रवार को सामूहिक अवकाश लेकर कलम बंद , काम बंद हड़ताल तथा जिला मुख्यालय में सामूहिक धरना दिया।
हड़तालियों ने चार सूत्रीय मांगों को लेकर दिन भर धरना, प्रदर्शन, नारेबाजी की।मांगे इस प्रकार रहींभाजपा के घोषणा पत्र अनुसार प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान 1 जनवरी 2024 से 4 फीसदी महंगाई भत्ता, साथ ही जुलाई 2019 से देय तिथि पर महंगाई भत्तों के एरियर्स राशि का समायोजन जीपीएफ खाते में किया जाए।
प्रदेश के शासकीय सेवकों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए।केंद्र के समान गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए।भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार मध्यप्रदेश सरकार की तरह छत्तीसगढ़ के शासकीय सेवकों को अर्जित अवकाश नगदीकरण 240 दिन के स्थान पर 300 दिन किया जाए।
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