सूचना का अधिकार अधियम 2005 का जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत रावा द्वारा उड़ाई जा रही धज्जियाँ।कोरबा : जनपद पंचायत पोंड़ी उपरोड़ा अंतर्गत ग्राम
पंचायत रावा में जनसूचना अधिकारी द्वारा खुलेआम सूचना के अधिकार का किया जा रहा है उलंघन । मामला प्रकाश में आया है इसका जीता जागता उदाहरण आवेदक गणेश दास महंत ने जनसूचना अधिकारी रावा को जानकारी मांगी थी ।लेकिन जनसूचना अधिकारी द्वारा अनाप-सनाप कुछ भी लिखकर आवेदक का समय बर्बाद किया जाता है और गुमराह पूर्वक जवाब देता है।ग्राम पंचायत में बड़ी -बड़ी लाखों की घोटाले को छुपाने का पूरा प्रायस किया जाता है।सुप्रीम कोर्ट ने यह माना है कि नियमित जन सूचना अधिकारी लोक सूचना अधिकारी अगर ईमानदार है। तो उसको जानकारी देने से डर कैसा अगर इमानदार नहीं है । और अपने किसी भ्रष्टाचार को छुपाने का प्रयास करता है तो जानकारी उपलब्ध नहीं कराया जाएगा। इसके लिए बाकायदा प्रावधान बनाए गए हैं अगर अपील कर्ता चाहे तो नियम के अनुसार ऐसे हर जन सूचना अधिकारी और उपरोक्त विभाग अध्यक्ष के खिलाफ कार्यवाही करवा सकता है । जानकारी नहीं देते या फिर किसी न किसी प्रकार बहाना बनाकर बचते रहते हैं। ताजा मामला इस प्रकार है आवेदक गणेश दास महंत द्वारा सूचना का अधिकार का उपयोग करते हुए ग्राम पंचायत रावा में चल रहे और हुए कार्यों के प्रस्ताव संबंध में जानकारी चाही गई थी। परंतु वर्तमान जन सूचना अधिकारी द्वारा जानकारी छिपाने के उद्देश्य से 1 माह बाद आवेदक को अपने पत्र के माध्यम से सूचित किया कि आपके द्वारा मांगी गई जानकारी स्पष्ट नहीं है अतः जानकारी देना संभव नही। इस प्रकार का गुमराह जवाब देकर अपने भ्रस्टाचार किया कार्यों को छुपाने के पूरा प्रयास किया जा रहा है।
ग्राम पंचायत रावा भ्रष्टाचार में संलिप्त जनसूचना अधिकारी ने नही दी RTI का सही जवाब किया गुमराहसूचना के अधिकार के तहत नही दिया सही जवाब ग्रामीणों द्वारा लाखों रुपये गबन का आरोप सचिव पर लगये आरोप, स्वयं प्रस्ताव बना कर रकम आहरण किया जाता था। ग्रामीणों को व पंचों को कोई भी ग्राम सभा मे नही देता था सही जानकारी ,फर्जी प्रस्ताव से लाखों रुपए का भ्रस्टाचार किया है, जब ग्रामीणों के कहने पर गणेश दास महंत द्वारा RTI के माध्यम से जानकारी मांगी गई ।तो नियत समय अवधी के बाद गुमराह जवाब दिया गया। ग्रामीणों का आरोप ये भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाये जा रहे अभियान स्वछ भारत मिशन में भी जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। गुडवत्ताहीन शौचालय का निर्माण कराया गया है ,स्वच्छ भारत मिशन का कार्य भी आज तक पूर्ण नही हुआ है । कई लोग आज भी आधे-अधूरे शौचालय होने से सरकार के महत्वपूर्ण योजना से वंचित है,ग्राम पंचायत रावा में पचास प्रतिशत लोग आज भी नही करते शौचालय का उपयोग, क्योंकि कार्य पूर्ण नही है । किसी मे सेप्टिक नही बना है, तो किसी मे पाइप नही लगा है ,जिसमे निर्माण कराया भी है तो गुडवत्ताहीन, आधे से ज्यादा कार्य पूर्ण नही हुआ है। जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई थी ,लेकिन भ्रष्ट सचिव द्वारा कोई भी प्रकार का जानकारी नही दी ,जिससे साफ जाहिर होता है। कि पूरा कार्यों में भारी मात्रा में भ्रष्टाचार किया गया है।
सचिव सूर्यकांत पर ग्रामीणों ने लगाया लाखों रुपए गबन का आरोप
सरकार द्वारा मिलने वाली राशि से ग्राम पंचायत के विकास की जिम्मेदारी जिन सरपंच सचिव पर होती है। वह जनता का मसीहा बनकर पंचायत को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ते। तथा सरकारी खजाने में से लाखों रुपए निर्माण कार्य के नाम पर निकाल ले जाते हैं ।लेकिन धरातल के बजाय ज्यादातर कार्यों का क्रियान्वयन कागजों पर होता है ।ऐसा ही भ्रष्टाचार का पराकाष्ठा के सरपंच सचिव जिम्मेदार अधिकारी की मौन सहमति से अंजाम देते हैं। ऐसे भ्रष्टाचार की यदि शिकायत होती है। भी तो अधिकारी जांच के नाम पर सुनियोजित तरीके से महज खानापूर्ति कर भ्रष्ट सरपंच सचिव का क्लीन चिट दे देते हैं ।ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत रावा का सामने आया है। जो भ्रस्ट सचिव के कार्यों की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत चाही गई थी। जिसकी जानकारी नियततिथि बाद भी जानकारी नही दी।जिसमे प्रथम अपील मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पोंड़ी उपरोड़ा से की जाएगी।
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