बिलासपुर किसानो द्वारा भूख हड़ताल करना बेहद दुखद,सातवीं अनुसूची में कृषि राज्य विधान मंडल का विषय,-बाजपेयी
बिलासपुर । कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय सचिव पूर्व विधायक चन्द्र प्रकाश बाजपेयी ने किसानो द्वारा भूख हड़ताल करना बेहद दुखद है उन्होंने किसान आंदोलन में केंद्र सरकार की भूमिका पर विरोध जताते हुये कहा कि सब जानते हैं और मानते हैं कि छोटे किसानों को लाभप्रद खेती-बाड़ी के अवसर दिए जाने चाहिए। पूरे देश में तरह-तरह के मंडी और कृषि संबंधी कानून हैं, जिनके कारण हर राज्य की अपनी कृषि नीति और अपनी परिस्थितियां हैं।
संविधान की सातवीं अनुसूची में कृषि को राज्य विधान मंडलों का विषय बनाया गया है। जरूरत इस बात की है कि कृषि को समवर्ती सूची में रखा जाए। ऐसा किए बिना केंद्र द्वारा बनाए गए तीनों कानूनों की संवैधानिकता पर आज भी प्रश्न चिन्ह है । उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने यह मुद्दा पहले भी उठाया था कि केंद्र द्वारा इस प्रकार बनाया गया कानून असंवैधानिक है और यह मामला न्यायालय में विचाराधीन भी है।
आज कोरोनावायरस के कारण पूरा देश महामारी की चपेट में है और यह समय किसी भी आपात काल से ज्यादा खराब है। होना तो यह चाहिए कि केंद्र द्वारा पारित तीनों कानूनों पर सर्वोच्च प्राथमिकता से केंद्र सरकार पुनर्विचार करें। यदि यह निश्चित होता है कि यह कानून असंवैधानिक है तो उन्हें निरस्त करने में केंद्र सरकार को कोई हिचक नहीं होनी चाहिये ।
श्री बाजपेयी ने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता तो बातचीत के जरिए विभिन्न राज्यों के कानूनों में संशोधन का रास्ता निकाला जा सकता है। इस बीच में यथास्थिति बनाए रखने के लिए दोनों पक्ष नज़दीक आ सकते हैं । यह सीधा रास्ता अपनाने के बजाय किसानों की अनसुनी करके सड़कों पर जाम लगवाना , दुराग्रह पूर्ण और एकतरफा रुख अपनानाऔर पूरी अर्थव्यवस्था को तहस-नहस करने का प्रयास करना तो सामयिक कदम है और ना ही उचित। आज किसान 18 दिनो से कड़ाके की सर्दी में लगातार सड़कों में आंदोलित है ये हम सब के लिये बेहद दुखद है तत्काल समाधान हमारी ज़िम्मेदारी भी है ।