छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में चौंकाने वाला सामने आया है, यहां सरकारी योजना का लाभ उठाने के लिए यहां के 13 लोगों ने अपनी ही पत्नी से दोबारा विवाह कर लिया। राज्य सरकार की अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत 32 लाख 50 हजार रुपये की राशि धोखे से हासिल कर ली। यह पूरी घटना तब उजागर हुई, जब ग्रामीणों की शिकायत के बाद प्रशासन ने जांच की।
गरियाबंद। सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए लोग कई जतन अपनाते हैं, लेकिन गरियाबंद जिले में 13 लोगों ने जो कारनामा किया, वह चौंकाने वाला है। इन लोगों ने अपनी ही पत्नी से दोबारा विवाह कर अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत सरकार से 32 लाख 50 हजार रुपये की राशि हड़प ली। हैरान करने वाली बात यह है कि इनमें से कुछ लोगों के दो से तीन बच्चे भी हैं।
कैसे हुआ यह फर्जीवाड़ा?
इस धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब गरियाबंद के कलेक्टर अरविंद पांडेय के पास पांच फरवरी 2024 को कुछ ग्रामीणों ने शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, इन 13 लोगों ने आर्य समाज मंदिर में अपनी पत्नियों से दोबारा विवाह कर अंतरजातीय विवाह योजना के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि प्राप्त की। जांच के बाद यह शिकायत सही पाई गई, और 31 अगस्त 2024 को कलेक्टर ने सभी आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए।
कई स्तरों पर फर्जीवाड़ा
गड़बड़ी की जांच में सामने आया कि कुछ लोगों ने पहली पत्नी और बच्चों की जन्म तारीख छिपाकर खुद को नि:संतान बताया और फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया। कुछ के पास दो-दो पत्नियां थीं, जिनकी जानकारी छिपाकर उन्होंने योजना का लाभ लिया।
क्या है अंतरजातीय विवाह योजना
इस योजना के तहत, यदि कोई गैर अनुसूचित जाति का युवक या युवती अनुसूचित जाति के युवक या युवती से विवाह करता है, तो उन्हें ढाई लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसी योजना का फायदा उठाने के लिए इन 13 लोगों ने धोखाधड़ी की।
योजना की राशि हड़पने वाले आरोपियों के नाम
गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर ब्लाक के अमरदास टंडन, टीकम रात्रे, गैंदराम सोनवानी, मिरी अमरदास, तामेश्वर राम मतावले, मोहित कुमार देवदास, अमरदास डहरिया, दिलीप बंजारे, मोहन सिन्हा और छुरा ब्लाक के मोहन गंधर्व व राकेश टोडर। इसके अलावा, दो अन्य आरोपियों – देवेन्द्र खूंटे और जितेन्द्र कुमार धृतलहरे – का संबंध दूसरे जिलों से है।
आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्णय
प्रशासन ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है, और आरोपियों पर कानूनी शिकंजा कसने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस धोखाधड़ी से सरकारी योजनाओं की साख पर सवाल खड़े हो गए हैं, और ऐसे मामलों को रोकने के लिए भविष्य में और अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
योजना का लाभ लेने वाले हितग्राहियों के नाम
गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर ब्लाक के अमरदास टंडन, टीकम रात्रे, गैंदराम सोनवानी, मिरी अमरदास, तामेश्वर राम मतावले, मोहित कुमार देवदास, अमरदास डहरिया, दिलीप बंजारे, मोहन सिन्हा व छुरा ब्लाक के मोहन गंधर्व व राकेश टोडर। दो हितग्राही देवेन्द्र खूंटे, जितेन्द्र कुमार धृतलहरे दूसरे जिलों के निवासी है।
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