भिंड में सरोवर की 900 मीटर रोड पर सात मोड़ है फिर भी बावजूद इसके नगरपालिका ने रिटर्निंग वाल के ऊपर सुरक्षा के लिहाज से कोई जाली नहीं लगाई है। जबकि नई रोड और रिटर्निंग वाल की ऊंचाई भी लगभग बराबर हो गई है। इस रोड पर खतरनाक मोड़ हैं, जिन पर पहले भी कई बार हादसे हो चुके हैं।
शहर के गौरी सरोवर किनारे रिटर्निंग वाल और डामर रोड का निर्माण हुए करीब दो साल से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक रिटर्निंग वाल पर लोहे की जाली लगाने का काम नहीं हुआ। ऐसे में किसी दिन बड़ा हादसा हो जाने के बाद शायद अफसरों की नींद टूटे।
बता दें कि सरोवर की 900 मीटर रोड पर सात मोड़ है। बावजूद इसके नगरपालिका ने रिटर्निंग वाल के ऊपर सुरक्षा के लिहाज से कोई जाली नहीं लगाई है। जबकि नई रोड और रिटर्निंग वाल की ऊंचाई भी लगभग बराबर हो गई है। इस रोड पर खतरनाक मोड़ हैं, जिन पर पहले भी कई बार हादसे हो चुके हैं।
ऐसे में नगरपालिका की यह अनदेखी इस रोड पर तेजी से गुजरने वाले वाहन चालकों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। सरोवर पर रोड बनाने पर 1.71 करोड़ रुपये की लागत से डामर रोड, 2.56 करोड़ रुपये की लागत से रिटर्निंग वाल, फुटपाथ पर पेबर ब्लाक, 40 लाख रुपये से लाइटिंग और 18.16 लाख रुपये से रिटर्निंग वाल पर रेलिंग लगाई जानी थी।
शेष कार्य तो करा दिए गए, लेकिन जाली लगाने का कार्य छोड़ दिया गया। इसके साथ ही गौरी सरोवर के दूसरी ओर (बीटीआई रोड की तरफ) रिटर्निंग वाल और सड़क बनाई जाना है। इसके लिए पूर्व में नपा ने पांच करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया था। लेकिन बाद में यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
पहले भी होते रहे हैं हादसे
गौरी सरोवर किनारे में कई बार चार पहिया व दो पहिया वाहन चालक गिरकर अपनी जान गवां चुके हैं। हर बार हादसा होने के बाद सरोवर पर किनारे जाली या रेलिंग बनाए जाने की चर्चा परिषद की बैठक में जोरशोर से की जाती है, इतना ही नहीं, प्रशासनिक वरिष्ठ अधिकारी इसमें बढ़चढ़कर हस्तक्षेप करते हैं, लेकिन समय बीतने के बाद ये प्रक्रिया भी ठप हो जाती है।
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