बीजेपी शुरू से ही वक्फ संपत्तियों के खिलाफ
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड पर कंट्रोल करने की तैयारी कर रही है। उसकी किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति घोषित करने और उसकी नियंत्रित शक्तियों पर अंकुश लगाना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार शाम को कैबिनेट ने वक्फ अधिनियम में 40 से ज्यादा संशोधनों पर चर्चा की है। अब इस मामले में असदुद्दीन ओवैसी का भी बयान सामने आया है। यह अपने आप में धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है।
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सबसे पहले जब संसद सत्र चल रहा होता है, तो केंद्र सरकार संसदीय सर्वोच्चता और विशेषाधिकारों के खिलाफ काम कर रही होती है और मीडिया को सूचित कर रही होती है, संसद को सूचित नहीं कर रही होती है। मैं कह सकता हूं कि इस प्रस्तावित संशोधन के बारे में मीडिया में जो कुछ भी लिखा गया है, उससे पता चलता है कि मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता छीनना चाहती है और इसमें हस्तक्षेप करना चाहती है।
यह पूरी तरह से धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह अपने आप में धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है। दूसरी बात यह है कि बीजेपी शुरू से ही इन बोर्डों और वक्फ संपत्तियों के खिलाफ रही है और उनका हिंदुत्व एजेंडा है। अब अगर आप वक्फ बोर्ड की स्थापना और संरचना में संशोधन करते हैं, तो प्रशासनिक अराजकता होगी, वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता खत्म होगी और अगर सरकार का नियंत्रण वक्फ बोर्ड पर बढ़ता है, तो वक्फ की स्वतंत्रता पर असर भी पड़ेगा। मीडिया रिपोर्ट में लिखा है कि अगर कोई विवादित संपत्ति है, तो ये लोग कहेंगे कि संपत्ति विवादित है, हम उसका सर्वे कराएंगे।
उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण बीजेपी और मुख्यमंत्री करेंगे और आपको पता है कि इसका नतीजा क्या होगा। हमारे भारत में कई जगहों पर ऐसी दरगाहें हैं, जहां पर बीजेपी-आरएसएस दावा करता है कि वे दरगाह और मस्जिद नहीं हैं, इसलिए कार्यपालिका न्यायपालिका की शक्ति छीनने की कोशिश कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वक्फ बोर्ड के दावे का वेरिफिकेशन अनिवार्य करने पर सरकार की तरफ से विचार किया जा रहा है। इतना ही नहीं उन संपत्तियों के लिए भी सत्यापन भी जरूरी किए जा सकते हैं, जिनके लिए वक्फ बोर्ड और मालिकों के बीच में विवाद है। सूत्रों के मुताबिक, वक्फ अधिनियम में संशोधन करने वाला विधेयक अगले हफ्ते संसद में पेश किए जाने के आसार हैं।
सूत्रों ने यह भी बताया कि संपत्तियों के लिए सत्यापन के दो प्रावधान वक्फ बोर्ड की मनमानी शक्तियों पर लगाम लगाएंगे। इस समय इन संस्थाओं के पास में किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में टैग करने का अधिकार है। अगर पूरे देश की बात की जाए तो वक्फ बोर्ड के पास में 8.7 लाख से ज्यादा संपत्तियां हैं। यह 9.4 लाख एकड़ में फैली हुई है।
इस कानून की जरुरत क्यों पड़ी
इस कानून की जरुरत के विषय में बात की जाए तो यह इसलिए पड़ी क्योंकि मुस्लिम बुद्धिजीवियों, महिलाओं और शिया और बोहरा जैसे अलग-अलग संप्रदायों के लोगों ने मौजूदा कानून में बदलाव की मांग की थी। उन्होंने इस बात पर भी ज्यादा जोर दिया कि संशोधन लाने की प्लानिंग कोई आज या कल की नहीं है बल्कि यह तो लोकसभा इलेक्शन से काफी पहले ही शुरू हो गई थी। सूत्रों ने यह भी कहा कि ओमान, सऊदी अरब और इन्हीं की तरह दूसरे इस्लामी राष्ट्रों के कानूनों के शुरुआती जांच से पता चलता है कि इनमें से किसी भी देश ने एक संस्था को इतनी ज्यादा शक्तियां नहीं दी हुई हैं।