आरटीई मामले में मनमानी करने वाले प्राइवेट स्कूलों की खैर नहीं, साय सरकार ने शुरू की सख्ती

राजेन्द्र देवांगन
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रायपुर। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के मामले में मनमानी करने वाले प्राइवेट स्‍कूलों की अब खैर नहीं है। प्रदेश की विष्‍णुदेव साय सरकार शिक्षा सत्र की शुरुआत में ही आरटीई को लेकर सख्‍ती शुरू कर दी है। स्‍कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने कलेक्‍टरों को पत्र लिखकर आरटीई वाले बच्‍चों की ड्राप आउट रिपोर्ट तलब की है।

कलेक्‍टरों को लिखे पत्र में स्‍कूल शिक्षा सचिव परदेशी ने कहा है कि जिले के गैर अनुदान प्राप्त विद्यालयों के प्रबंधक / प्राचार्यों की एक बैठक 10 दिन के भीतर बुलाकर यह समीक्षा करें कि उनके विद्यालय में कितने विद्यार्थियों ने आरटीई के तहत प्रवेश लिया था तथा उनमें से कितने बच्चे पढ़ाई छोड़कर ड्राप आउट हो गए हैं।

इसकी एक रिपोर्ट भी मांगी है। सचिव ने कलेक्‍टरों को बीते 05 वर्षों में ड्राप आउट हुए बच्चों की जानकारी प्राप्त कर समीक्षा करें करने के लिए भी कहा है। सचिव ने कहा है कि ड्राप आउट रोकने की दिशा में समुचित पहल करने का कष्ट करें जिससे कि आपके जिले में आरटीई के मंशा के अनुरूप सभी बच्चे अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण कर सकें।

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