झारखंड में हुआ विभागों का बंटवारा, हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन को मिले ये तीन विभाग..!
झारखंड में कैबिनेट विस्तार के कुछ देर बाद ही शुक्रवार (16 फरवरी) को विभागों का भी बंटवारा कर दिया गया है. मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के पास तीन विभाग और ऐसे विभाग जो किसी को नहीं दिए गए उनकी जिम्मेदारी होगी. पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन को तीन विभाग दिए गए हैं,
जिसमें पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग और जल संसाधन विभाग शामिल हैं. बन्ना गुप्ता को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है. पिछली सरकार में भी वो स्वास्थ्य मंत्री थे. बेबी देवी के पास महिला बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग की जिम्मेदारी होगी.
चम्पई सोरेन, मुख्यमंत्री
कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग.
गृह (कारा सहित) विभाग.
मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग (संसदीय कार्य रहित) तथा वैसे सारे विभाग जो अन्य मंत्रियों को आवंटित नहीं हैं.
आलमगीर आलम, कांग्रेस
ग्रामीण विकास विभाग.
ग्रामीण कार्य विभाग.
पंचायती राज विभाग.
सत्यानन्द भोक्ता, आरजेडी
श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग.
उद्योग विभाग.
रामेश्वर उरांव, कांग्रेस
वित्त विभाग.
योजना एवं विकास विभाग.
वाणिज्य कर विभाग.
खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग.
दीपक बिरुवा, जेएमएम
अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण (अल्पसंख्यक कल्याण को छोड़कर) विभाग.
परिवहन विभाग.
बन्ना गुप्ता, कांग्रेस
स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग.
आपदा प्रबंधन विभाग
बादल, कांग्रेस
कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग.
मिथिलेश कुमार ठाकुर, जेएमएम
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग.
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग.
बसंत सोरेन, जेएमएम
पथ निर्माण विभाग.
भवन निर्माण विभाग.
जल संसाधन विभाग.
हफीजुल हसन, जेएमएम
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग.
निबंधन विभाग.
पर्यटन, कला-संस्कृति, खेल-कूद एवं युवा कार्य विभाग.
बेबी देवी, जेएमएम
महिला बाल विकास एवं सामाजिक.
एक मंत्री की सीट खाली
झारखंड में एक मंत्री की कुर्सी खाली है. झारखंड में अधिक से अधिक 12 मंत्री हो सकते हैं. अभी तक 11 मंत्रियों का ही शपथ ग्रहण हुआ है. अब इस बची एक कुर्सी पर कौन बैठेगा इसको लेकर कोई फैसला फिलहाल नहीं हुआ है. हालांकि, जब हेमंत सोरेन राज्य की कमान संभाल रहे थे तब भी सरकार में 11 मंत्री ही थे. नई सरकार में बसंत सोरेन और दीपक बिरुआ को छोड़कर सभी पुराने मंत्रियों को ही दोहराया गया है.
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