मो.रज्जब/हरीश माड़वा की संयुक्त रिपोर्ट
बिलासपुर_ हत्यारा, देशद्रोही रामपाल दिखाता रहा रतनपुर मेले के सरकारी पंडाल में “जीने की राह”=रतनपुर. माघी पूर्णिमा और आदिवासी विकास मेले के सरकारी स्टाल से हत्यारा देश द्रोही रामपाल लोगों को जीने की राह बताता रहा. नगर पालिका परिषद द्वारा आयोजित मेले के सरकारी पैसे पर लगे पंडाल में मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने हत्यारे देश द्रोही के लिखे पुस्तकों और विचारों के लिए स्टाल कैसे उपलब्ध करा दिया गया. इस पर अब सवाल उठने लगे हैं. छत्तीसगढ़ सरकार के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने इस मेले का उद्घाटन किया था वहीं समापन पर भाजपा विधायक रजनीश सिंह अतिथि थे.सैकड़ों साल पुरानी परंपरागत मांघी पूर्णिमा मेले नया स्वरूप देकर उपयोगी बनाने तत्कालीन मध्यप्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष और कोटा विधायक राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल ने मांघी पूर्णिमा और आदिवासी विकास मेला का नाम देकर शासन की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा. तब से सरकारी खर्चे पर पंडाल लगा कर शासन की लोक कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए विभिन्न विभागों के द्वारा स्टाल लगाएं जाते हैं.नगर पालिका परिषद् ने इस साल भी पांच फरवरी से 10 फरवरी तब मांघी पूर्णिमा और आदिवासी विकास मेला आयोजित किया. मेले में छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए भी विभिन्न विभागों ने अपने स्टाल लगाएं थे. शासन की योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए बनाए गए पंडाल में सरकारी स्टालों के बीच एक ऐसा स्टाल भी था जो हैरान करने वाला था. जो देखने पर तो “जीने की राह ” की बात कर रही थी. पर इसके साथ लगी फोटो हैरान करने वाली थी.सरकारी खर्चे पर बने पंडाल में दिख रहा फोटो सजायाफ्ता हत्यारा देश द्रोही रामपाल की थी. अब बहुत से लोग सवाल कर सकते हैं कि रामपाल कौन ? …तो हम आपको बता दें कि ये वही रामपाल हैं हरियाणा प्रदेश के थाना बरवाला इलाके में स्थित सतलोक आश्रम वाले. जिनको गिरफ्तार करने सेना की मदद लेनी पड़ी थी. जो नवम्बर 2014 से जेल में बंद है.हत्या और देश द्रोह के अपराध में उन्हे ट्रायल कोर्ट ने उम्र कैद की सजा दी है. ये वहीं है जो सजा सुनने के बाद अदालत परिसर में ही फूट-फूट कर रोने लगे थे. ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि नगर पालिका परिषद् के मुख्य नगर पालिका अधिकारी मनीष वारे ने हत्या और देशद्रोह के अपराधी की फोटो लगे फ्लेक्स. उनके लिखी पुस्तकों और विचारों के प्रचार प्रसार के लिए सरकारी स्टाल का आबंटन कैसे किया.
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