
चांपा में शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे छब्बीस नं वार्ड वासी …आंखें मूंदे बैठे हैं अधिकारी…!
एक तरफ हम खुद को सभ्य और विकसित समाज का घोषित करते हैं तो दूसरी ओर हमारे पड़ोसी लोगों को जब कीड़े वाले पानी को छानकर पीना पड़े तो नैतिकता यह है कि हमारा सिर शर्म से झुक जाना चाहिए परंतु इस नैतिकता विहिन समाज में ऐसा नहीं है । कोसे की नगरी चांपा जहां का कोसा विदेश में भेजा जाता है वहां अगर कोई वार्ड पीने के पानी के लिए तरसे तो यह सभ्य और विकसित कहे जाने वाले समाज के मुंह पर तमाचा है और वह भी केवल इसलिए कि जगदल्ला तहसील चौक वार्ड नं छब्बीस जहां प्रशासन के महत्वपूर्ण विभागो का कार्यालय है गरीबों की बस्ती है जहां अधिकांश लोग अनुसूचित जाति से आते हैं । बताया जा रहा है कि इस वार्ड में पीने के पानी के लिए गर्मी के दिनों में सिर फुटौव्वल की नौबत भी आती है पर भी नगर पालिका चांपा मौन है क्योंकि इन गरीब लोगों की ओर से आवाज उठाने वाला कोई नहीं है ।