वायरोलॉजी लैब में कार्यरत समस्त संविदा कर्मचारी, घर बैठे
हो रही भारी लापरवाही ,
चीन में कोरोना के नए वैरीऐंट से मची खलबली,
बिलासपुर / चीन में कोरोना की नए वेरिएंट की शुरुआत हो चुकी है . वहां की भयानक की स्थिति को देखते हुए विश्व के सभी देश अपनी सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही लैब की पुख्ता इंतजाम में भी जुट गए है, वहीं छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान की बात कहें तो अंबिकापुर, राजनांदगांव और बिलासपुर आयुर्विज्ञान संस्थान अपने लैब के समस्त संविदा कर्मचारीयों को बाहर रास्ता दिखा दिया है और कोरोना जांच की प्रक्रिया फिर से शुरू की गई है जिसमे सैंपल लेने का कार्य ठेकाकर्मी कर रहे हैं. जो कि देश की इस संकट की स्थिति में भारी लापरवाही देखी जा रही है जिससे थोड़ी सी असावधानी एक भयंकर रूप ले सकती है. आपको बता दें कि सिम्स माइक्रो वायरोलॉजी लैब की सेवा अवधि 10 अक्टूबर 2022 समाप्त हो चुकी है.सेवा समाप्ति के बाद नौकरी के बाद कर्मचारी दर_दर भटक रहे हैं. इस विभाग में कार्यरत समस्त कर्मचारी, कार्य सेवा वृद्धि हेतु उच्च अधिकारियों को आवेदन चुके हैं. स्वास्थ्य मंत्री श्री टीएस सिंह देव ने भी कहा कि “हमने संविदा कर्मचारियों को हटाने का आदेश ही नहीं दिया है”
प्रबंधन का कहना है कि इनका समय समाप्त हो गया है इसलिए इन्हे हटा दिया गया है .
समस्त संविदा कर्मचारियों का कहना है कि उनके साथ प्रबंधन द्वारा छलावा किया जा रहा और माननीय स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव भी उन्हें हटाने की बात नहीं किए हैं.
इन बातों से साफ जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं कोरोना के नए वेरिएंट की जांच सही नहीं होने पर इसकी स्थिति भयानक हो सकती है. क्योंकि भविष्य में अधिक से अधिक कर्मचारियों की जांच के लिए आवश्यकता भी होगी और कोरोना महामारी के उस कठिन दौर में अपनी जान की जोखिम उठाने वाले, सेवा देने वाले इन कोरोना वारियर्स को सम्मान मिलना भी लाज़मी है.
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