कलेक्टर की फटकार का असर नहीं,,, मानक को दरकिनार कर ठेकेदार बनवा रहा सड़क
जांजगीर-चांपा जिले के पहरिया में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बलौदा से पहरिया के मार्ग का 8 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण कराया जा रहा है लेकिन • इसमें ठेकेदार की जमकर मनमानी चल रही है। गुणवत्ता को दरकिनार कर सड़क बनाई जा रही है जिससे स्थिति यह है कि अभी से सड़क पर दरारें पड़ने लगी है।ठेकेदार ने निमयों को दरकिनार करते हुए भ्रष्टाचार की सभी सीमाओं को पार कर दिया है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ठेकेदार अभी पूरी सड़क बन भी नहीं पाई और वह जहा तक दूसरी कोट का डामरीकरण करने के बाद भी सड़क
चंद माह में भी करोड़ों की सड़क पर दिखने लगी है दरार।
उखड़ने लगी है। ऐसा लगता है कि सड़क में कुछ ही दिनों में गड्ढे हो जाएंगे।डामरीकरण की क्वालिटी पर उठ रहे सवाल सड़क में डामरीकरण हुए करीब महीनाभर ही हुआ होगा, लेकिन गुणवत्ता को लेकर अभी से सवाल उठने लगे हैं। ग्रामीणों की माने तो कई स्थानों पर चुका है तथा कहीं कहीं डामर को केवल पैलिस की गई है। ऐसा लगता है कि मिट्टी को मर में दुबा कर सड़क पर कोटिग किया जा रहा है इससे ग्रामीणों में है। उनका कहना है कि यदि फिर से डामर नहीं किया गया तो जल्दी ही मार्ग की हालत खस्ता हो सकती है। ऐसे में लंबे समय तक डामर के टिक पाने में ग्रामीणों को संदेह है।
लेते हुए जिले के नवपदस्य कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला ने ईई को जमकर फटकार लगाई थी और सड़क निर्माण में कमियां को दूर करने का निर्देशित किया था। सही तरीके से नियम के तहत बनाने को लेकर ठेकेदार को समझाइश दी थी।
लेकिन हालत यह है कि ठेकेदार के ऊपर कलेक्टर के फटकार का भी कोई असर होता नजर नहीं आ रहा है। सड़क में मिक्स घटिया जीएसबी मटेरियल को डाला गया है। इससे सड़क का बेस सही नहीं बना और सड़क बनने के साथ ही उखड़ रही है। 13 किमी लंबी यह सड़क 8 करोड़ की लागत से बन
रही है। निर्माण का ठेका सुनील कुमार अग्रवाल को मिला है। घटिया निर्माण व उस पर कोई कार्रवाई न होता देख अब बलौदा क्षेत्र के लोग लोग कहने लगे है कि यह सड़क सिर्फ ठेकेदार व अधिकारी को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से सड़क बनाया जा रहा है. गुणवत्ता से कोई लेना-देना नहीं है।