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व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण का जरिया अघोर गुरु पीठ ट्रस्ट बनोरा

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व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण का जरिया अघोर गुरु पीठ ट्रस्ट बनोरा

रायगढ़:प्रकृति की कोख में सृजन पलता है यही सृजन मानव जीवन की दशा दिशा को संवारते हुए आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करता है l 28 बरस पहले आज के ही दिन एक अनोखा सृजन प्रकृति की कोख में रायगढ से 10 किमी दूर पूर्वांचल स्थित ग्राम बनोरा में सृजित हुआ l पूज्य अघोरेश्वर भगवान राम के परम स्नेही शिष्य पूज्य बाबा प्रियदर्शी राम जी के कर कमलों से यह कार्य सम्पन्न हुआ l स्थापित उद्दश्यों की डगर का अनुशरण करते हुए लगभग तीन दशकों की यात्रा मानव समाज मे आध्यात्मिक मूल्यों की स्थापना हेतु मददगार भूमिका निभा रही है l मानव के अंदर मौजूद उस देवत्व को जागृत करने के लिए अघोर गुरु पीठ ट्रस्ट बनोरा का आश्रम पाठशाला की भूमिका में है l जहाँ मानव के महामानव बनने की सहज प्रक्रिया सिखाई जाती है l

कलह क्लेश के इस कलियुग में मनुष्य जहाँ शांति की तलाश में मन्दिर मस्जिद भटक रहा है यह शांति बाहर नही मिल सकती बल्कि शांति की अनुभूति इस आश्रम की चहारदीवारी में प्रवेश करते ही हो जाती है l बनोरा आश्रम ने मानव समाज के सामने यह अनुकरणीय मिशाल पेश करते हुए बताया कि धर्म पूजा आराधना का माध्यम नही बल्कि यह मनुष्य की जीवन शैली है l जैसे एक परिवार के अंदर बहुत से सदस्यों के पहनावे व खान पान व पसंद अलग अलग होते हुए भी सभी एक दूसरे के निर्णय को स्वीकार करते हुए प्रेम पूर्वक रहते है वैसे ही समाज मे भी विभिन्न धर्मों के अनुयायी एक दूसरे के धर्म का सम्मान करते हुए प्रसन्नता से रह सकते है l पूरे विश्व मे भारत एक ऐसा देश है जहाँ सभी धर्म का सम्मान है l परम पिता परमेश्वर एक है l हर मानव के अंदर छिपे महामानव बनने के गुणों को निखारने व उनका समाज व देश हित मे उपयोग में लाने की दिशा में अघोर गुरु पीठ ट्रस्ट बनोरा सतत प्रयत्न शील है । एक ऐसी आध्यात्मिक पाठशाला जहाँ विभिन्न धर्मो से जुड़े युवा बुजुर्ग महिला व पुरुष शामिल होकर शिक्षा ग्रहण कर सकते है ।

अविभाजित मध्यप्रदेश में अघोरेश्वर भगवान राम जी ने जशपुर में अघोर पंथ का बीजारोपण किया था उनके महानिर्वाण के बाद इस पंथ की जड़ो को मजबूत करने की दिशा में पूज्य अघोरेश्वर के शिष्य बाबा प्रियदर्शी राम जी अग्रसर रहे l बनोरा में स्थापना के 28 वर्षो के बाद अघोर गुरु पीठ ट्रस्ट बनोरा छग राज्य में सबसे बड़े आध्यात्मिक केंद्र व अघोर पंथ का ध्वजवाहक बना हुआ है l विभिन्न धर्मों से जुड़े एक बड़े वर्ग के माथे में लगी अघोर पंथ की भस्म सभी को समानता की विचारधारा से जोड़ती है l माथे पर लगी अघोर पंथ की भस्म अघोर पंथी को हर पल यह एहसास कराती है कि जीवन नश्वर है और सबका अंत भस्म ही है l भस्म में तब्दील होने से पहले की यात्रा के हर पल को किस तरह सुखद एहसास में बदलना है l यह सींखाने का काम बनोरा ट्रस्ट कर रही है l आज एक बड़ा तबका अघोरपंथ के नैतिक मूल्यों को अपनाते हुये राष्ट्र निर्माण में अपनी सक्रिय सहभागिता दर्ज करा रहा है । वनांचल में स्थापित इस आश्रम ने 28 वर्षीय यात्रा के दौरान आम आदमी को राष्ट्र निर्माण की भूमिका में मददगार बनाया l अघोरश्वर महाप्रभु ने श्मशान से समाज की ओर अवधारणा की स्थापित करने हेतु एक बड़े पुल के निर्माण का श्री गणेश तो हर दिया लेकिन महानिर्वाण के बाद इस दिशा में बहुत से सारे कार्य किये जाने शेष रहे l अघोरेश्वर के प्रियतम शिष्य बाबा प्रियदर्शी राम शेष अधूरे कार्यो को पूरा कर रहे है । बनोरा से जुड़ी अन्य शाखाये छग में शिवरीनारायण, डभरा, चिरमिरी, अंबिकापुर सहित अन्य प्रांत उत्तरप्रदेश के रेणुकोट, बिहार के मुर जिले के जिगना, झारखण्ड के आदर एवं रांची में मौजूद है । 28 बरस के दौरान छग सहित बिहार झारखंड उत्तरप्रदेश में 10 शाखाओं का विस्तार किया गया l सभी शाखाओ से मानव निर्माण व मानवसेवी गतिविधियां संचालित होती हैं l सभी शाखाएं यथा सम्भव साधन विहिन लोगों को निशुल्क स्वास्थ्य शिविरों के जरिए अनवरत्‌ चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने में सफल रही है l सन 1994 के दौरान अघोरेश्वर भगवान राम की स्मृति में जशपुर जिला के ग्राम मनोरा में एक विद्यालय की स्थापना की गई थी । जहाँ निर्धन छात्रों को निशुल्क शिक्षित करने हेतु विशेष प्रावधान है l बनोरा में भी सुसज्जित हाई स्कूल है l छात्र-छात्राओं की बढ़ती संख्या एवं उच्च शिक्षा की आवश्यकता को देखते हुए रायगढ़ से बनोरा जाने वाली मुख्य सड़क से उत्तर दिशा में स्वतंत्र भू-खण्ड में आकर्षक माध्यमिक उच्च विद्यालय का निर्माण कराया गया है। नव निर्मित शिक्षण संस्था सर्व सुविधायुक्त है । शौचालय,खेल मैदान,पेयजल व्यवस्था, स्नानागार की सुविधा,शिक्षकों के लिए शिक्षक सदन, प्रधानाध्यापक के लिए स्वतंत्र कक्ष, लिपिक कक्ष,स्टोर रूम, सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं विद्यालय परिसर में मौजूद है। राज्य शासन द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति के अतिरिक्त दोनों ही विद्यालयों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने हेतु अघोरेश्वर भगवान राम शिक्षण समिति द्वारा स्व. लक्ष्मण शुक्ल मेघा छात्रावृत्ति प्रदाय की जाती है। कन्या प्रोत्साहन छात्रवृत्ति भी शिक्षण समिति प्रदान करती है। विशाल आकर्षक मुख्य द्वार सहित भवन में स्थित सुंदर बगीचे का निर्माण कराया गया है l दूर सुदर के बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए एक बस की व्यवस्था भी है । उच्चस्तरीय अध्यापन अनुशासन व संस्कारो की यह परिणिती है कि अध्ययनरत बच्चों ने जिला स्तरीय प्रतियोगिता में कई बार सफलता पाई है। बच्चों में संस्कारो के बीजारोपण हेतु विशेष ध्यान दिया जाता है । ग्रामीण क्षेत्र में न्यूनतम फीस में निर्धन बच्चों के लिए बेहतरीन शिक्षा की उपलब्धता यह प्रमाणित करती है कि चिकित्सा के साथ साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी अघोर गुरूपीठ ने उपलब्धियों के आसमान को छुआ है। शिक्षण व्यवस्था के लिए विद्यालय शिक्षण समिति गठित की गई है जो समय समय पर शिक्षा से जुड़े पहलुओं पर नजर रखती है । यह शिक्षण समिति साक्षरता विकास कार्य के अलावा पर्यावरण रक्षा के लिए भारतीय संस्कृति पर आधारित अनुसंधान का कार्य भी करती है। सदैव हरियाली से आच्छादित रहने वाले इस अघोर गुरूपीठ का निर्माण घासीदास अमृतलाल एवं नंदुलाल के द्वारा दान स्वरूप दी गई साढ़े तीन एकड़ जमीन में किया गया है। आश्रम के मुख्य द्वार के उपर निर्मित आकर्षक हंस के जोड़े मनुष्य को सदा नीर-क्षीर विवेकी होनें का संदेश देते है। प्रवेश द्वार के अंदर प्रवेश करते ही एक ज्ञान केन्द्र है, जहां अघोरेश्वर के जीवन से जुड़े ग्रंथ ,लाकेट,फोटो एवं साहित्यों का अनुपम संग्रह है। मुख्य द्वार में रोग निवारण केन्द्र औषधालय में प्रियदर्शी बाबा राम के दुवाओ का असर दवाओं से कही अधिक है l बनोरा ट्रस्ट स्वास्थ्य ,शिक्षा व आध्यात्मिक मूल्यों के जरिये चरित्र निर्माण में सराहनीय भूमिका का निर्वहन कर रहा है l ग्रामीण क्षेत्रो में निवास रत साधन विहीन जनता को आश्रम द्वारा संचालित निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर नेत्र आपरेशन कैलिपर्स शिविर हाइड्रोशील ऑपरेशन का उच्चस्तरीय लाभ मिल रहा l आपरेशन के पूर्व मरीजो की सभी आवश्यक जाँच व आपरेशन पश्चात महंगी दवाईयां भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है l अघोर गुरूपीठ ट्रस्ट बनोरा में वर्ष 1996 से प्रथम शिविर की शुरुवात के बाद डभरा, शिवरीनारायण, आदर, कोइलीजोर, रेणुकोट, जिगना में आयोजित शिविरो में आज तक 29092 मरीज लाभांवित हुए l डभरा के शिविर में 43290 मरीजो ने उपचार का लाभ लिया l वहीं शिवरीनारायण के शिविर से 6471 मरीज लाभांवित हुए l आदर और कोइलिजोर क्रमशः 5438, 7229 मरीज लाभान्वित हुए l इसके अलावा इलाज की होम्योपैथिक पद्धति से बनोरा के शिविरों से 46589, डभरा में 154, शिवरीनारायण में 4494, सरभोका 1166, रेणुकोट में 4244 और जिगना में 28298 मरीजो को लाभ मिला l वहीं नेत्र शिविर बनोरा के जरिये 6985, डभरा में 3122, शिवरीनारायण में 2326, आदर में 75
मरोजो के जीवन से अंधकार दूर हुआ l हाइड्रोसिल आपरेशन शिविर बनोरा में अब तक 777 शिवरीनारायण में 109 मरोजो को निशुल्क सेवा का लाभ मिला l कैलीपर्स शिविर में चयनित 881 पात्र लोगो को कुल 976 कृत्रिम अंग वितरीत किये गए l ।
खर्चीली विवाह पद्धति को रोकने के अलावा तिलक दहेज रहित विवाह को प्रोत्साहित करने की दिशा में भी अघोर गुरूपीठ ट्रस्ट सतत प्रयत्नशील है l
बनोरा में 43, शिवरीनारायण में 5,कोइलिजोर में 1, जिगना में 6, रेणुकोट में 9 परिवारों का आश्रम पद्धति से विवाह सम्पन्न कराया गया l वहीं महिला शिल्पकला के जरिये 164 महिलाओ को लाभ मिला है l
प्राकृतिक विपदाओं के दौरान जरूरतमंदों को यथा संभव मदद करने की परिपाटी के तहत पुसौर व जांजगीर क्षेत्र में 1826 बाढ़ पीड़ित परिवार लाभान्वित हुए l वर्ष 2020 में तेज ठंड एवं शीतलहर से बचाव हेतु गरम वस्त्रों एवं दैनिक उपयोगी वस्तुओं का वितरण छत्तीसगढ़ में रायगढ़ जिले के ब्रह्मनिष्ठालय बनोरा में 95 महिलाओ,47 पुरुषो को किया गया वही वर्ष 2021 के दौरान सरगुजा क्षेत्र के कोइलिजोर आश्रम से 71 महिला ,12 पुरुष लाभान्वित हुए l सोनभद्र जिला उत्तरप्रदेश के क्रियाकूटी खाड़पाथर आश्रम से 72 महिला,13 पुरुष को कम्बल ,साड़ी,धोती,साबुन वितरित किया गया l अघोरेश्वर महाप्रभु के निर्माण दिवस के अवसर पर बनोरा के आस-पास के असहाय 436 महिलाओं तथा 186 पुरुषों को साड़ी ,धोती , कंबल ,थाली – गिलास एवं नहाने धोने का साबुन वितरित किया गया l स्वच्छता अभियान के मद्देनजर ग्राम बनोरा में गुणवत्ता युक्त 73 शौचालय का निर्माण कराया गया l

*कोरोना संकट के दौरान अघोर गुरु पीठ ट्रस्ट की भूमिका*

पूरे विश्व मे ऐसा कोई नही जो कोरोना महामारी से अछूता न रहा हो अघोर गुरु पीठ ट्रस्ट बनोरा में संचालित सेवा के कार्य भी प्रभावित हुए लेकिन संकट के दौरान भी आश्रम के लिए राष्ट्र धर्म सबसे ऊपर रहा l वर्ष भर सेवा मानव सेवी गतिविधियो के संचालन के अलावा अघोरेश्वर महानिर्वाण दिवस जन्मोत्सव चैत्र बैशाख की नवरात्रि स्थापना दिवस व गुरु पूर्णिमा के बड़े आयोजन होते है l गुरु पूर्णिमा के अवसर पर पूरे देश के अधिकांश राज्यो से गुरु भक्त शीश नवाने बनोरा में हजारों की संख्या में एकत्रित होते है l कोरोना महामारी के दौरान सोशल डिस्टेंस के पालन की अनिवार्यता को देखते हुए बाबा प्रियदर्शी राम जी ने सभी आयोजन न केवल स्थगित किये अपितु अनवरत अपने शिष्यों से मास्क की अनिवार्यता व हैंड सेनेटाइजर उपयोग में लाने की अपील की l वर्ष 2020 के दौरान प्रथम लॉक डॉउन में अघोर गुरु पीठ ट्रस्ट ने पीएम केयर फंड में एक लाख ग्यारह हजार मुख्य मंत्री सहायता कोष में एक लाख इक्कीस हजार की सहायता राशि चेक के जरिये प्रदान की गई l वही दूसरी लहर में इस महामारी के मरीजो की सेवा हेतु कोविड सेंटरों में 20 कूलर के अलावा 2 लाख पांच हजार की सहायता राशि जिला प्रशासन को सौपी गई l कोरोना संकट के दौरान अघोर गुरु पीठ ट्रस्ट बनोरा ने अहम भूमिका का निर्वहन किया l

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