जगदलपुर |बस्तर का तीरथगढ़ जलप्रपात अपनी अद्भुत सुंदरता और विश्वस्तरीय पहचान के लिए जाना जाता है। हर दिन यहां सैकड़ों पर्यटक पहुंचते हैं, लेकिन लापरवाही और अव्यवस्था ने इस पर्यटन स्थल की चमक फीकी कर दी है।
अव्यवस्था और अवैध वसूली
पर्यटक लगातार अवैध पार्किंग और मनमाने शुल्क वसूली की शिकायत कर रहे हैं। वहीं बुनियादी सुविधाओं का अभाव—जैसे पीने का पानी, साफ-सुथरे बाथरूम और प्राथमिक चिकित्सा—यात्रियों के अनुभव को खराब कर रहा है।
सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में
सुरक्षा इंतज़ाम की कमी कई बार जानलेवा साबित हुई है। कुछ वर्ष पहले एक नाबालिग की मौत ने व्यवस्था की पोल खोल दी थी। उसके बाद वन विभाग ने खतरनाक स्थलों पर बैरिकेडिंग जरूर की, लेकिन आज भी सुरक्षा इंतज़ाम नाकाफी हैं।
मानसून में बढ़ता खतरा
बरसात के मौसम में जलस्तर बढ़ने और भूस्खलन की आशंका के चलते कई बार झरना बंद करना पड़ता है। प्रशासन ने पर्यटकों के नीचे उतरने पर रोक भी लगाई है, लेकिन अव्यवस्था कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही है।
पर्यटन विकास ठप
स्थानीय निजी संचालक पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं, मगर सरकारी उदासीनता ने सारी कोशिशों पर पानी फेर दिया है। न पार्किंग का नियंत्रण है, न सफाई की ठोस व्यवस्था।
बस्तर की साख दांव पर
बस्तर अपनी समृद्ध संस्कृति और प्राकृतिक धरोहर के लिए पहचाना जाता है। लेकिन तीरथगढ़ की बदहाल स्थिति न केवल पर्यटन विकास पर सवाल खड़े कर रही है, बल्कि राज्य की साख पर भी असर डाल रही है।
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