सरकार की सुनवाई न होने पर जिले के एनएचएम स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी अब अपनी बातें सीधे मां महामाया के चरणों में रखने का फैसला किया

Jagdish Dewangan
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मुंगेली- सरकार की सुनवाई न होने पर जिले के एनएचएम स्वास्थ्य संविदा कर्मचारी अब अपनी बातें सीधे मां महामाया के चरणों में रखने का फैसला किया और हड़ताल स्थल आगर खेल परिसर से मनोकामना यात्रा निकालकर दाऊपारा स्थित मां महामाया मंदिर पहुंचकर कर्मचारियों ने विधिवत पूजा-अर्चना की और चुनरी अर्पित कर अपनी मनोकामना माता रानी से की। चुनरियों के बीच यह यात्रा सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि उनकी उम्मीदों और संघर्षों का प्रतीक थी। यह मनोकामना यात्रा सरकार को अपनी पीड़ा पहुंचाने का एक अनोखा तरीका थ! इस मनोकामना यात्रा ने साबित कर दिया कि कर्मचारी केवल अपने अधिकारों की मांग नहीं कर रहे है, बल्कि अपने सम्मान और न्याय की उम्मीद लेकर चल रहे है!

25 वें दिन आंदोलन करने वाले कर्मचारी गुरुवार को अनोखा प्रदर्शन करते हुए माता की शरण में पहुंचे! हड़ताली कर्मचारियों ने धरना स्थल से आगर खेल परिसर से दाऊपारा स्थित माँ महामाया मंदिर तक लंबी मनोकामना चुनरी यात्रा निकाली! इस दौरान सभी कर्मचारी पैदल चलते हुए माता के दरबार पहुंचे! शासन की नीतियों से नाराज कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से 30 मीटर से अधिक लंबी चुनरी माता को अर्पित की! चुनरी यात्रा में एनएचएम कर्मचारियों का कहना है कि माता से यही प्रार्थना करने आए हैं कि सरकार जल्द उनकी मांगों को पूरा करे, जिससे आंदोलन को समाप्त करने का रास्ता निकले!
दाऊपारा महामाया मंदिर तक निकाली गई चुनरी यात्रा: धरना स्थल आगर खेल परिसर से निकली चुनरी यात्रा में महिला और पुरुष कर्मियों की बड़ी संख्या मौजूद रही! सभी ने हाथों में चुनरी थाम रखी थी और नारे लगाते हुए आगे बढ़े! दाऊपारा स्थित महामाया मंदिर पहुंचने पर कर्मचारियों ने मां को चुनरी चढ़ाई गई और सामूहिक रूप से माता से विनती की गई कि सरकार जल्द सुनवाई करें! कर्मचारियों ने कहा कि मांग पूरी नहीं होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा!
संघ के जिला अध्यक्ष पवन निर्मलकर ने बताया कि उनकी मांगें अब तक अनसुनी हैं, इसलिए वे माता की शरण में आकर सरकार को सद्बुद्धि देने प्रार्थना कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि नाराज संविदा एनएचएम कर्मचारी नियमितीकरण समेत कई मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. एनएचएम कर्मचारियो ने बताया कि वे बीते दो दशक से नियमितिकरण और सेवा शर्तों को लेकर संघर्षरत हैं, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिला है. मजबूर होकर उन्हें हड़ताल का सहारा लेना पड़ा है. कर्मचारी संघ की ओर से किए जा रहे लगातार प्रदर्शनों के बाद भी कोई कार्रवाई उनके हित को लेकर नहीं की जा रही है!
चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं: वहीं आंदोलन का असर प्रदेश सहित जिले मे स्वास्थ्य सेवाओं पर भी साफ दिखने लगा है. मरीजों को इलाज और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी गरीब और दूर दराज से आने वाले मरीजों को उठानी पड़ रही है. स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पताल में मरीज इलाज और मदद के लिए भटक रहे हैं. मरीज भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द एनएचएम की हड़ताल खत्म हो जाए. हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं पर लगातार असर पड़ रहा है!

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