फार्मेसी काउंसिल ने वापस लिया फीस बढ़ोतरी का फैसला, स्वास्थ्य मंत्री के सुझाव पर हुआ पुनर्विचार

राजेन्द्र देवांगन
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रायपुर -छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल द्वारा की गई फीस वृद्धि का निर्णय अब रद्द कर दिया गया है। बीते कुछ दिनों में बढ़ी हुई फिस में विचार विमर्श कर फ़िर कम करने हेतु फीस को लेकर राज्य के सभी फार्मासिस्टों और अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन द्वारा आवेदन दिया गया था जिसमें विचार के बाद यह फैसला बुधवार, 2 जुलाई 2025 को रायपुर के नवीन विश्राम गृह में आयोजित विशेष बैठक के दौरान लिया गया। बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने बढ़ी हुई फीस पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया और अंततः सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि किसी भी प्रकार की अतिरिक्त फीस लागू नहीं की जाएगी, जिससे फार्मासिस्टो को आर्थिक तंगी या किसी प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़े।

गौरतलब है कि काउंसिल ने 8 मई 2025 को आयोजित आम सभा में फार्मासिस्टों के नए पंजीयन, नवीनीकरण व अन्य सेवाओं के शुल्क बढ़ाने का निर्णय लिया था, जिसे 1 जून 2025 से प्रभाव में लाया गया था। इस बढ़ोतरी के खिलाफ राज्यभर के सभी फार्मासिस्ट व संगठनों और दवा व्यवसायियों ने आपत्ति जताई थी और शुल्क पर पुनर्विचार की मांग की थी। जिसपर पुनर्विचार कर फीस वृद्धि के निर्णय को वापस लिया गया है।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भी युवा फार्मासिस्टों और व्यापारियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए काउंसिल को सुझाव दिया था कि फीस वृद्धि को वापस लिया जाए। मंत्री के सुझाव पर विचार करते हुए काउंसिल ने विशेष बैठक बुलाई और सभी पहलुओं पर चर्चा के बाद पुराने शुल्क को ही यथावत रखने का निर्णय लिया।

बैठक में यह भी तय हुआ कि केवल कोविड महामारी के समय अस्थायी रूप से घटाई गई नवीनीकरण शुल्क को ₹300 से पुनः ₹500 किया जाएगा। इसके अलावा, 1 जून 2025 से जिन फार्मासिस्टों से बढ़ी हुई फीस वसूली गई है, उन्हें वह अतिरिक्त राशि लौटाई जाएगी।

यह फैसला फार्मासिस्ट समुदाय और दवा कारोबारियों के लिए राहत भरा माना जा रहा है। इससे सभी फार्मासिस्ट को आर्थिक और मानसिक राहत मिली है।

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