रायगढ़ में राशन दुकान घोटाला: 8.68 लाख की सामग्री की हेराफेरी, 5 के खिलाफ FIR

राजेंद्र देवांगन
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छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के कांदागढ़ में शासकीय उचित मूल्य की दुकान में 8 लाख 68 हजार 421 रुपये की राशन सामग्री की हेराफेरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस घोटाले में पूर्व सरपंच, दुकान संचालक और सहयोगियों समेत पांच लोगों पर मिलीभगत कर चावल, शक्कर, नमक और केरोसिन का गबन करने का आरोप है। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

2018 का है मामला, जांच में खुला घोटाला
यह प्रकरण साल 2018 का है, जब कांदागढ़ की राशन दुकान में अनियमितता की शिकायत मिलने पर खाद्य विभाग ने जांच शुरू की। 20 अगस्त 2018 को खाद्य विभाग के अधिकारी दुकान की जांच के लिए पहुंचे, लेकिन दुकान बंद मिली। ग्राम सचिव और दुकान संचालक कृष्ण चंद्र कर्ष से संपर्क कर दुकान खुलवायी गई। अगले दिन आश्रित ग्राम बोड़ाझरिया में राशन कार्डधारकों से पूछताछ की गई। जांच में स्टॉक पंजी, वितरण पंजी और अन्य दस्तावेज मांगे गए, लेकिन कृष्ण चंद्र ने कोई दस्तावेज पेश नहीं किया और बताया कि सभी दस्तावेज उनके निजी आवास पर हैं।

ग्रामीणों ने उजागर की सच्चाई
ग्रामीणों से पूछताछ में पता चला कि जून, जुलाई और अगस्त 2018 में चावल, शक्कर, नमक और केरोसिन का वितरण ही नहीं किया गया। इसके बावजूद, कृष्ण चंद्र के आवास से जब्त दस्तावेजों में राशन वितरण दर्ज था। स्टॉक जांच में 232.38 क्विंटल चावल, 14.53 क्विंटल शक्कर, 4.16 क्विंटल नमक और 1369 लीटर केरोसिन की कमी पाई गई। पूर्व सरपंच सोमती सिदार ने बताया कि राशन वितरण का काम कृष्ण चंद्र ही संभालता था, जबकि सहयोगी प्रशांत सेठ, ईश्वर सेठ, गौरहरि निषाद, मंगल निषाद और टिकेश्वर सेठ की लापरवाही भी सामने आई।

नोटिस बेअसर, अपील खारिज
खाद्य विभाग ने आरोपियों को नोटिस जारी किया, लेकिन जवाब नहीं मिलने पर मामला एसडीएम कोर्ट में दर्ज किया गया। कृष्ण चंद्र ने कलेक्टर कोर्ट में अपील दायर की, जिसे जांच के बाद खारिज कर दिया गया। इसके बाद सहायक खाद्य अधिकारी अंजनी राव ने पुसौर थाने में शनिवार को FIR दर्ज कराई। पुलिस ने कृष्ण चंद्र कर्ष, सोमती सिदार, प्रशांत सेठ, गौरहरि निषाद और टिकेश्वर सेठ के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है।

8.68 लाख की हेराफेरी का खुलासा
सहायक खाद्य अधिकारी अंजनी राव ने बताया कि जांच में कई अनियमितताएं सामने आईं। राशन सामग्री की हेराफेरी से 8 लाख 68 हजार 421 रुपये का नुकसान हुआ। बार-बार अपील के बावजूद आरोपियों की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला, जिसके बाद FIR दर्ज की गई।

यह मामला रायगढ़ जिले में राशन वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता की कमी को उजागर करता है। पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है, ताकि दोषियों को सजा दिलाई जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)