राजनांदगांव: कोचिंग संचालक की आपत्तिजनक यूट्यूब पोस्ट, आतंकवादियों से की थी Z प्लस सुरक्षा वालों को निशाना बनाने की बात, गिरफ्तार

राजेंद्र देवांगन
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राजनांदगांव, 28 अप्रैल 2025: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में सृष्टि कॉलोनी निवासी कोचिंग संचालक लेखराम झूलेकर (40) को एक आपत्तिजनक यूट्यूब वीडियो पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। वीडियो में लेखराम ने आतंकवादियों से कथित तौर पर Z प्लस सुरक्षा प्राप्त लोगों को गोली मारने की बात कही थी। बसंतपुर थाना क्षेत्र के इस मामले में पुलिस ने शिकायत के बाद कार्रवाई करते हुए आरोपी को जेल भेज दिया है।

क्या है मामला?
23 अप्रैल को एक शिकायतकर्ता ने व्हाट्सएप के जरिए लेखराम झूलेकर के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया वीडियो देखा, जिसमें उसने भड़काऊ और आपत्तिजनक बयान दिए थे। वीडियो में लेखराम ने आतंकवादियों से Z प्लस सुरक्षा प्राप्त लोगों को निशाना बनाने की बात कही थी। इस पोस्ट पर सोशल मीडिया में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं। कुछ लोगों ने इसे भड़काऊ और गैर-जिम्मेदाराना बताया, जबकि कुछ ने समर्थन किया। शिकायतकर्ता ने इसकी सूचना बसंतपुर थाने को दी, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई।

पुलिस की कार्रवाई, वीडियो हटाया गया
शिकायत के आधार पर बसंतपुर थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 197 (1971 में निरस्त, संभवतः अन्य प्रासंगिक धाराओं जैसे 505(2) या 153A के तहत कार्रवाई) के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने जांच शुरू की और 27 अप्रैल को लेखराम के घर पर छापेमारी की। पूछताछ में लेखराम ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। विवाद बढ़ने के बाद लेखराम ने यूट्यूब से वीडियो हटा लिया, लेकिन तब तक मामला थाने पहुंच चुका था।

पहले भी विवादास्पद पोस्ट
शिकायतकर्ता ने बताया कि लेखराम पहले भी सत्ताधारी सरकार, धार्मिक भावनाओं, और सामाजिक मुद्दों पर आपत्तिजनक पोस्ट करता रहा है। हालांकि, इस बार मामला गंभीर होने के कारण शिकायत दर्ज की गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि लेखराम का कोचिंग सेंटर सृष्टि कॉलोनी में है, और वह सोशल मीडिया पर सक्रिय रहता है।

पुलिस और प्रशासन की सख्ती
बसंतपुर थाना प्रभारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ और आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने लोगों से अफवाहों और भ्रामक सामग्री पर ध्यान न देने की अपील की है। जिला प्रशासन ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

सामाजिक प्रतिक्रिया और सवाल
इस घटना ने सोशल मीडिया पर जिम्मेदाराना व्यवहार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दुरुपयोग पर बहस छेड़ दी है। कुछ लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला मान रहे हैं, जबकि अन्य का कहना है कि ऐसी पोस्ट सामाजिक सौहार्द बिगाड़ सकती हैं। यह मामला राजनांदगांव में सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव और उससे जुड़े खतरों को भी उजागर करता है।

आगे क्या?
लेखराम को जेल भेज दिया गया है, और पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है। यह भी देखा जा रहा है कि क्या लेखराम की अन्य पोस्ट में भी आपत्तिजनक सामग्री थी। इस घटना ने जिले में सोशल मीडिया निगरानी और साइबर अपराधों पर कार्रवाई को और सख्त करने की जरूरत को रेखांकित किया है।

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राजेंद्र देवांगन (प्रधान संपादक)