सतना, 27 अप्रैल 2025: रीवा के विश्वविद्यालय (विवि) थाने में तैनात महिला आरक्षक साईं खान ने अपने पुरुष मित्र जावेद अख्तर खान के लिए सतना के कोलगवां थाने में एक महिला आशा सिंह की बेरहमी से पिटाई कर दी। 24 अप्रैल को साईं वर्दी में रीवा से कोलगवां पहुंची और तीन पुरुष आरक्षकों व एक अन्य महिला आरक्षक के साथ आशा सिंह को उनके सिंधी कैंप स्थित घर से थाने ले गई। वहां साईं ने आशा की ऐसी पिटाई की कि वह बेहोश हो गईं।
पिटाई से लहूलुहान हुई आशा
जानकारी के अनुसार, साईं खान ने आशा सिंह के गाल और कंधे पर दांतों से काटा, जिससे वह लहूलुहान हो गईं। आशा ने बताया कि माधवगढ़ निवासी जावेद अख्तर खान ने 2018 में उनसे 3 लाख 69 हजार रुपये उधार लिए थे। यह लेनदेन स्टांप पेपर पर दर्ज है। सात साल बाद भी जावेद ने रकम नहीं लौटाई, जिसके चलते आशा ने कानूनी कार्रवाई शुरू की। इसी बात से जावेद और साईं नाराज थे।
कोलगवां पुलिस का दावा
कोलगवां थाने के टीआई सुदीप सोनी ने बताया कि साईं खान ने आशा सिंह के खिलाफ फोन पर गाली-गलौज की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके आधार पर आशा को बयान के लिए थाने बुलाया गया, जहां साईं के साथ उनकी झूमाझटकी हुई। हालांकि, पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया कि रीवा में तैनात साईं की शिकायत पर कोलगवां थाने ने आशा को घर से क्यों उठाया, जबकि शिकायत रीवा के थाने में दर्ज होनी चाहिए थी।
सवालों के घेरे में साईं की भूमिका
विवि थाना प्रभारी के अनुसार, 24 अप्रैल को साईं खान ने छुट्टी नहीं, बल्कि थाना छोड़ने की अनुमति ली थी। सवाल उठ रहे हैं कि यदि साईं निजी काम से सतना आई थीं, तो वह वर्दी में क्यों थीं? फरियादी होने के बावजूद वह पुलिस बल के साथ आशा के घर कैसे पहुंचीं? यह भी जांच का विषय है कि कोलगवां पुलिस ने साईं की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई क्यों की।
जांच के आदेश
सतना एसपी आशुतोष गुप्ता ने मामले की शिकायत मिलने पर जांच सीएसपी को सौंपी है। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
क्षेत्र में चर्चा
इस घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। पुलिसकर्मी द्वारा वर्दी का दुरुपयोग और एक महिला की बेरहमी से पिटाई ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। आशा सिंह ने न्याय की मांग की है, जबकि मामले की निष्पक्ष जांच की मांग तेज हो रही है।
यह मामला पुलिस की जवाबदेही और वर्दी के दुरुपयोग पर गंभीर सवाल खड़े करता है।