पहलगाम की वह जगह जहां पर्यटकों पर हमला हुआ वह पाकिस्तान के बार्डर से बहुत दूर है। आंतकवादी कैसे अन्दर घुस आए और पर्यटकों को मारकर वापस सुरक्षित चले गए। इसमें हमारे सुरक्षा में तैनात भीतरघातियों का हाथ है, उनके बिना यह संभव नहीं।
जगदगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। शुक्रवार को मुरैना के अल्प प्रवास के दौरान उन्होंने यह बात कही। वह शुक्रवार सुबह 9:30 मुरैना पहुंचे।
इस दाैरान जौरा विधायक पंकज उपाध्याय, जिलाध्यक्ष दीपक शर्मा और ग्रामीण जिला अध्यक्ष मधुराज सिंह तोमर मौजूद थे। शासकीय गेस्ट हाउस में मीडिया से रूबरू होते हुए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा- हम देख रहे हैं कि राष्ट्राध्यक्ष किस तरह का विचार कर रहा है। राष्ट्राध्यक्ष व उसके सहयोगियों ने कहा था कि अगर नोटबंदी कर दी जाए तो आतंकवाद की कमर टूट जाएगी। हम लोगों ने सह लिया, उससे जो परेशानी हुई।
उन्होंने कहा था कि धारा 370 हटा ली जाए तो आतंकवाद की समाप्ति हो जाएगी। उसके लिए गो हत्या तक की छूट उन्होंने दे दी। उसके बाद भी हम लोग चुप रहे कि कम से कम एक समस्या हल हो जाएगी और भी बहुत सारी बातें उन्होंने कही हमने अपनी सहमति दे दी, लेकिन आज परिस्थिति क्या है, आप सब लोग देख रहे हैं।
घटना को भुनाने की कोशिश की जा रही
हम लोगों से कश्मीर में कहा गया था कि आइए, अब कोई खतरा नहीं है, बाद में अब हमको पूछ-पूछकर मार दिया गया। इतना ही नहीं घटना के ठीक बाद से उस घटना को भुनाने की कोशिश की जा रही है, आपदा में अवसर खोजे जाने की बात कही जा रही है, उससे एक निराशा सी उत्पन्न हो रही है।
इसलिए, हम राष्ट्राध्यक्ष से कुछ नहीं कहेंगे, बल्कि उनके पूर्व में किए गए कार्यों का तथा बाद में किए गए कार्यों का अवलोकन करेंगे। उसका विश्लेषण करेंगे कि उनका देश के नागरिकों की रक्षा में तात्पर्य है या फिर अपनी राजनीति चमकाने में तात्पर्य है।
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती बोले कि पुलवामा में जब घटना हुई थी, तब भी यही सरकार थी। इस घटना में आज तक कोई जिम्मेदार नहीं माना गया, इस घटना का आखिर कौन जिम्मेदार था। जब तक घटना जिसके अधिकार क्षेत्र में या फिर जिसके कार्यकाल में होती है, उसकी जिम्मेदारी तय नहीं होती, तब तक आगे घटना होने की संभावना बनी ही रहती है। तो हम देख रहे हैं कि इस बार क्या किसी की जिम्मेदारी तय की जाएगी या फिर पुलवामा की तरह ही आगे की राजनीति कर-करके बात आगे बढ़ा दी जाएगी।
आस्तीन के सापों को कुचलना होगा
एक सवाल के जवाब में अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि भारत को सबसे पहले उन जिम्मेदारों की खोज करना चाहिए, जिनके कारण यह पहलगाम की घटना हुई। कौन ऐसा है, जो जिम्मेदारी के पद पर बैठा होने पर भी गैर जिम्मेदारी दिखा रहा है। इसके लिए पहले अपने घर के जिम्मेदार को पकड़कर सामने लाओ, उसे कड़ा से कड़ा दंड देकर के दिखाओ, कि हम जीरो टोलरेंस रखते हैं, इस प्रकार की बातों में, उसके बाद हम सब आपके साथ खड़े होंगे तथा जो बाहरी हो, उसके खिलाफ तगड़ा एक्शन लीजिए।
उसमें भी हम सहयोग करेंगे, लेकिन अगर आप घटना होने के बाद कहेंगे कि हम वह पराक्रम दिखाएंगे, यह पराक्रम दिखाएंगे, वह नहीं चलेगा। हमारे देश के भितरघाती पहचाने ही नहीं जाएंगे तो भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं होती रहेंगी। आखिर इतने सारे लोग मर गए, किसी न किसी की जिम्मेदारी तो बनती होगी, उसे पहले सबके सामने लाया जाए तथा उसे कड़ा दंड दिया जाए।
लगातार 40 मिनट तक होता रहा नरसंहार
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती बोले- हमारे गृह मंत्री कश्मीर में गए थे और वहां से पूरे भारत को संदेश दिया था कि अब कश्मीर आतंकवादियों से मुक्त हो गया है, अब आप लोग यहां घूमने आइए। जब पर्यटक वहां गए तो उनका नरसंहार किया गया।
पूरे 40 मिनट तक नरसंहार होता रहा, उस समय तुम्हारे सुरक्षाकर्मी, सैनिक आखिर कहां गए थे। लोग रोते-रोते बता रहे हैं, कि हमारा भाई जिंदा था, हमारा पति जिंदा था, पूरे 40 से 50 मिनट तक लोगों पर गोलियां बरसाईं गईं। वहां 2000 लोगों की भीड़ थी, पर्यटक थे, लेकिन फर्स्ट एड बॉक्स तक नहीं था।
उन्होंने कहा कि घटना होने के बाद आपने यह पता कर लिया कि कहां से आए थे, कौन आतंकी थे, लेकिन घटना होने के तत्काल बाद आपको सब कैसे पता चलता है, घटना होने के पहले क्यों नहीं पता चलता है।
जब आप गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो आपने वक्तव्य दिया था कि प्रधानमंत्री के पास बहुत सारे संसाधन हैं, उसके बाद भी यह नहीं रोक पा रहे हैं। अब वही संसाधन पिछले 11 साल से आपके पास हैं, आप क्यों नहीं रोक पाए? तो यह सवाल है तथा इस सवाल के कारण अब जो हमारा भरोसा था वह डगमगाया हुआ है।
मीडियाकर्मियों ने अविमुक्तरेश्वराय सरस्वती से पूछा कि बागेश्वरधाम के महाराज हर किसी की पर्ची निकालते हैं, लेकिन इस घटना को लेकर कोई पर्ची क्यों नहीं निकाली। इस पर उन्होंने कहा कि बागेश्वरधाम के महाराज को भी इस प्रकार की पर्चियां कभी-कभी राष्ट्रहित में निकाल देना चाहिए।