रायपुर/नारायणपुर, 25 अप्रैल 2025
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित भाजपा नेता रतन दुबे हत्याकांड में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कांग्रेस नेता शिवानंद नाग को गिरफ्तार किया है। शिवानंद नाग नारायणपुर जिला युवा कांग्रेस कमेटी के महासचिव हैं और उन्हें रायपुर से हिरासत में लिया गया।
सूत्रों के मुताबिक, NIA की टीम शिवानंद नाग को जगदलपुर स्थित स्पेशल कोर्ट में पेश कर सकती है। उनकी गिरफ्तारी से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।
चुनाव से ठीक पहले हुई थी हत्या
गौरतलब है कि रतन दुबे की हत्या विधानसभा चुनाव 2023 से महज तीन दिन पहले 4 नवंबर को की गई थी। वे भाजपा के जिला उपाध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य थे। इस हत्या की जिम्मेदारी नक्सलियों ने ली थी। नक्सलियों की पूर्व बस्तर डिवीजन कमेटी ने एक पर्चा जारी कर दावा किया था कि दुबे आदिवासी समाज में धर्मांतरण और सुरक्षाबलों के कैंप स्थापित करवाने जैसे विवादास्पद मुद्दों को बढ़ावा दे रहे थे।
नक्सली पर्चे में गंभीर आरोप
पर्चे में नक्सलियों ने लिखा था कि रतन दुबे केदार कश्यप के साथ मिलकर आदिवासियों को भाजपा और RSS से जोड़ने का प्रयास कर रहे थे। साथ ही, उन पर पुलिस के लिए मुखबिरी, सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार, और धर्मांतरण के नाम पर हिंसा फैलाने जैसे आरोप लगाए गए थे।
2005 से थे निशाने पर, 2023 में खत्म किया
नक्सलियों के मुताबिक, साल 2005 से ही दुबे को चेतावनी दी जा रही थी, लेकिन जब उन्होंने सुधरने से इनकार कर दिया, तो जनता की मांग पर उन्हें सजा देने का निर्णय लिया गया। 4 नवंबर को जब वे कौशलनार बाजार में मौजूद थे, तब उन पर हमला कर हत्या कर दी गई।
श्रमिकों को भी दी गई थी धमकी
आमदाई खदान से जुड़े मजदूरों को भी नक्सलियों ने चेतावनी दी थी कि यदि वे काम करना जारी रखेंगे तो अंजाम भुगतना पड़ेगा। यह साफ संकेत था कि नक्सली इलाके में अपने प्रभाव को मजबूत बनाए रखना चाहते हैं और किसी भी प्रकार का विरोध बर्दाश्त नहीं कर रहे।
राजनीतिक हलकों में हड़कंप
शिवानंद नाग की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस पर नक्सल संबंधों को लेकर सवाल उठने लगे हैं। विपक्ष पहले से ही कांग्रेस सरकार पर नक्सलियों के प्रति नरम रवैये का आरोप लगाता रहा है। अब जब कांग्रेस से जुड़े नेता की गिरफ्तारी इस हत्याकांड में हुई है, तो यह मुद्दा निश्चित ही सियासी तूल पकड़ेगा।
क्या NIA खोलेगी और राज़?
अब सबकी निगाहें NIA की आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या इस हत्याकांड के पीछे एक बड़ी साजिश थी? क्या और नाम सामने आएंगे? आने वाले दिनों में यह मामला राज्य की राजनीति की दिशा और दशा दोनों तय कर सकता है।