स्वामी सुप्रदिप्तानंद डिजिटल अरेस्ट ठगी मामला: बंधन बैंक में 50 से ज्यादा संदिग्ध खाते मिले, दुबई कनेक्शन भी सामने आया बंधन बैंक में बड़ा रैकेट: असिस्टेंट मैनेजर और कैशियर की मिलीभगत

Babita Sharma
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ग्वालियर के रामकृष्ण मिशन के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी के मामले में जांच कर रही ग्वालियर की SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) को उज्जैन के नागदा स्थित बंधन बैंक में बड़ी सफलता मिली है। टीम को बैंक में 50 से ज्यादा संदिग्ध खातों की जानकारी मिली है। पुलिस सिर्फ एक अकाउंट होल्डर राहुल कहार की तलाश में गई थी, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में संदिग्ध खातों का पता चलने से यह स्पष्ट हो गया है कि बंधन बैंक के असिस्टेंट मैनेजर और एक महिला कैशियर ठगों के साथ मिलकर एक बड़ा रैकेट चला रहे थे।

मास्टरमाइंड उदयराज ने ठिकाने लगाया पैसा, राइट हैंड ने कबूली 3 करोड़ की निकासी

जांच में यह भी सामने आया है कि ठगी का यह सारा पैसा इस पूरे रैकेट के मास्टरमाइंड उज्जैन निवासी उदयराज ने ठिकाने लगाया है। उदयराज के दाहिने हाथ कहे जाने वाले तुषार गोमे ने पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया है। उसने कबूल किया है कि पिछले तीन महीनों में उसने अकेले 60 चेक के माध्यम से 3 करोड़ रुपए निकालकर उदयराज को दिए हैं। हालांकि, ग्वालियर पुलिस अभी सिर्फ ग्वालियर से ठगे गए 10 लाख रुपए की जांच पर ही ध्यान केंद्रित कर रही है।

ठगी की रकम का दुबई कनेक्शन: ATM से निकाले गए 2 लाख रुपए

इस मामले में एक और महत्वपूर्ण खुलासा हुआ है कि ग्वालियर में हुई डिजिटल अरेस्ट का दुबई कनेक्शन भी है। ठगी की रकम में से दो लाख रुपए दुबई के एक निजी बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए थे, जहां से उन्हें ATM के जरिए निकाला गया है। इससे यह साफ हो गया है कि डिजिटल अरेस्ट करने वाले रैकेट के तार पड़ोसी देशों तक फैले हुए हैं। पूर्व में भी इस तरह से ठगे गए रुपयों को टेलीग्राम चैटिंग ऐप पर एक चीनी समूह की मदद से यूएसडीटी कराकर डॉलर, क्रिप्टो करेंसी या बिट कॉइन में बदलकर ठिकाने लगाया गया था।

इंडसइंड बैंक में भी चौंकाने वाले खुलासे: बोगस फर्म के नाम पर 1.30 करोड़ ट्रांसफर

बंधन बैंक के बाद अब इंडसइंड बैंक से जुड़ी जानकारी ने जांच टीम को चौंका दिया है। स्वामी सुप्रदिप्तानंद से ठगी गई 2.53 करोड़ रुपए की राशि कई बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी, जिसमें से सबसे बड़ी राशि 1.30 करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) के इंडसइंड बैंक के खाते में पहुंची थी। ग्वालियर पुलिस की SIT जब प्रयागराज पहुंची तो यहां भी कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। इंडसइंड बैंक में आए ठगी के 1.30 करोड़ रुपए तुरंत 20 अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए गए। जिस खाते में ठगी की रकम पहुंची थी, उसकी पड़ताल करने पर पता चला कि यह किसी बोगस फर्म के नाम पर संचालित हो रहा था, जो एक शैल कंपनी थी। पुलिस ने इन 20 खातों की पूरी जानकारी निकाल ली है और फर्म का पता फर्जी पाया गया है। पुलिस को आशंका है कि बंधन बैंक की तरह यहां भी बैंककर्मी और ठगों की मिलीभगत से कोई उदयराज जैसा मास्टरमाइंड सक्रिय होगा।

मास्टरमाइंड उदयराज और ऑफिस बॉय हिमांशु की तलाश जारी

स्वामी सुप्रदिप्तानंद से ठगी के मामले में पुलिस को मुख्य साजिशकर्ता उदयराज और बंधन बैंक के ऑफिस ब्वॉय हिमांशु की तलाश है। पुलिस ने बैंक प्रबंधन को पत्र लिखकर तुषार गोमे द्वारा किन-किन खातों से कितनी राशि निकाली गई है, इसकी पूरी जानकारी मांगी है।

असिस्टेंट मैनेजर ठगों से मिला हुआ था

बंधन बैंक के मैनेजर विश्वजीत बर्मन ने पुलिस को बताया कि ठगी के खातों से 5 लाख रुपए से अधिक की रकम निकालने पर सिस्टम से अलर्ट जनरेट होता था और खाते का वेरिफिकेशन मांगा जाता था। लेकिन बैंक के असिस्टेंट मैनेजर इस वेरिफिकेशन में सात दिन से अधिक का समय लगा देते थे, जिससे ठग इस दौरान खाते से सारी रकम निकाल लेते थे। इस तरह से अलर्ट के बाद भी बड़ी राशि निकाले जाने वाले ऐसे 50 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है। विश्वजीत ने यह भी बताया कि वह लगभग 18 साल से बैंक की विभिन्न शाखाओं में काम कर रहा है और उज्जैन में वह तीन महीने से ठग उदयराज के संपर्क में था। यह भी जानकारी मिली है कि बैंक का पुराना मैनेजर भी ठगों के संपर्क में था, जिससे पुलिस अब उससे भी पूछताछ करेगी और विश्वजीत के अन्य शाखाओं में कार्यकाल की भी जांच कराएगी। जांच में यह भी पता चला है कि उज्जैन में रहकर फर्जी बैंक खातों से ठगी के रुपए निकालकर उदयराज उन्हें अलग-अलग डिजिटल करेंसी में बदलकर ठगों से सौदा करता था। तुषार गोमे के बयान के अनुसार, उदयराज के दुबई के गैंग से भी संबंध होने का संदेह है।

डिजिटल अरेस्ट से ठगी की पूरी टाइमलाइन

* 17 मार्च की शाम: स्वामी सुप्रदिप्तानंद को ठगों का कॉल आया।
* 17 मार्च: डिजिटल अरेस्ट कर वॉट्सऐप कॉल शुरू कर दिए गए।
* 18 मार्च: पहली बार आश्रम के फंड को जांच के लिए ट्रांसफर करने को कहा गया।
* 11 अप्रैल: तक 2.53 करोड़ रुपए 3 विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कराए गए।
* 11 अप्रैल: तीन दिन में यह पैसा जांच कर लौटाने का आश्वासन दिया गया।
* 15 अप्रैल: तक कोई पैसा नहीं लौटा, कॉल रिसीव नहीं किया गया।
* 16 अप्रैल: ग्वालियर क्राइम ब्रांच में FIR दर्ज की गई।
* 18 अप्रैल: अकाउंट की डिटेल पुलिस के पास पहुंची, टीम उज्जैन रवाना हुई।
* 19 अप्रैल की रात: उज्जैन के नागदा से छह लोगों की गिरफ्तारी हुई।
* 20 अप्रैल: उज्जैन से आरोपियों को लेकर ग्वालियर पहुंचे।
* 21 अप्रैल: प्रयागराज के लिए एक टीम रवाना हुई।
* 22 अप्रैल: नोएडा, दिल्ली के लिए टीम रवाना हुई।

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ब्यूरो चीफ - मध्यप्रदेश