कोंडागांव के जोबा गांव में पानी का हाहाकार, 1700 लोग एक ही कुएं पर निर्भर

राजेन्द्र देवांगन
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कोंडागांव, छत्तीसगढ़। कोंडागांव जिले का जोबा गांव इन दिनों भयावह जल संकट से गुजर रहा है। गांव की करीब 1700 आबादी केवल एकमात्र कुएं पर निर्भर है, जो अब सूखने की कगार पर है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस कुएं में बमुश्किल 15 दिन का पानी बचा है, और उसके बाद हालात और विकट हो सकते हैं।

सुबह से ही शुरू होती है पानी के लिए जद्दोजहद

गांव की महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे सुबह 6 बजे से ही पानी के बर्तन लेकर निकल पड़ते हैं। कई लोगों को लंबी दूरी तय कर गंदा पानी लाने की मजबूरी बन चुकी है। यह समस्या पिछले कई वर्षों से बनी हुई है, लेकिन अब गर्मी के कारण संकट और भी गंभीर हो गया है।

कोसारटेडा बांध है पास, लेकिन समाधान नहीं

गांव की सरपंच सुपन कश्यप बताती हैं कि महज 5 किलोमीटर दूर कोसारटेडा बांध स्थित है, जिससे पानी की आपूर्ति संभव है। कई बार आवेदन और प्रस्ताव प्रशासन तक भेजे जा चुके हैं, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई।

पूर्व जिला पंचायत सदस्य बालसिंग बघेल भी प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि बार-बार प्रोजेक्ट भेजने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है

गर्मी में हालात और बदतर

ग्रामीण तिजुराम, खिलेद्री, रूप सिंह, मानकू कश्यप और तिलतमा रूपसिंह बताते हैं कि उन्हें हर रोज़ पानी की तलाश में कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। गर्मी बढ़ने के साथ-साथ यह संघर्ष और बढ़ जाता है। कभी आसमान की ओर देख बारिश की उम्मीद करते हैं, तो कभी आसपास के गांवों से पानी लाने पर मजबूर होते हैं


अब सवाल यह है…

जब गांव के पास ही जलस्रोत मौजूद है और वर्षों से मांगें की जा रही हैं, तो फिर समाधान अब तक क्यों नहीं? जोबा गांव का जल संकट सिर्फ एक गांव की समस्या नहीं, बल्कि यह प्रशासनिक सुस्ती और ग्रामीण इलाकों की उपेक्षा की सच्ची तस्वीर बनकर सामने आया है।

क्या इस बार आवाज़ सुनी जाएगी, या फिर यह गांव अगले साल भी इसी प्यास के साथ जीने को मजबूर रहेगा?


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