फेसबुक पोस्ट विवाद में घिरे BJP विधायक ईश्वर साहू, सुप्रीम कोर्ट और वकीलों पर आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला गरमाया

राजेन्द्र देवांगन
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बेमेतरा, छत्तीसगढ़। बेमेतरा जिले के साजा से भारतीय जनता पार्टी के विधायक ईश्वर साहू एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। इस बार मामला सोशल मीडिया से जुड़ा है, जहां उनके नाम से चल रहे एक फेसबुक अकाउंट से सुप्रीम कोर्ट, न्यायाधीशों और वकीलों के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए विवादित पोस्ट किए गए हैं। इन पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट्स सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं और कांग्रेस ने इसे लेकर विधायक पर सीधा हमला बोला है।


विवादित पोस्ट में क्या लिखा गया था?

ईश्वर साहू नाम की फेसबुक आईडी से किए गए एक पोस्ट में देश की सर्वोच्च अदालत को निशाना बनाते हुए लिखा गया,

“हमारे देश में दो कोठा हैं – एक हाई कोठा और एक सुप्रीम कोठा, जिसमें वकील और जज कांग्रेस के आतंकवादी के रूप में बैठे हैं, जो हिंदुओं की बर्बादी के लिए काम कर रहे हैं।”

एक अन्य पोस्ट में राम मंदिर से जुड़े मुद्दे को उठाते हुए अदालत की तुलना अपमानजनक शब्दों से की गई।

“हजारों साल पुराने राम मंदिर के लिए सुप्रीम कोठा कागज मांगता है, लेकिन जब बात वक्फ बोर्ड की आती है तो वही अदालत कहती है – कहां से लाओगे कागज? वाह रे सुप्रीम कोठा…”

इन बयानों से सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली और पोस्ट के स्क्रीनशॉट तेजी से वायरल हो गए।


कांग्रेस का हमला – “विधायक को माफी मांगनी चाहिए”

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा,

“एक जनप्रतिनिधि द्वारा न्यायपालिका जैसे संवैधानिक संस्था पर आपत्तिजनक टिप्पणी करना न केवल लोकतंत्र के खिलाफ है, बल्कि भारतीय संविधान की गरिमा को भी ठेस पहुंचाता है। भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या यह उनकी सोच का हिस्सा है?”

बैज ने यह भी मांग की कि विधायक ईश्वर साहू को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए और पार्टी को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।


विधायक ने दी सफाई – बताया फर्जी फेसबुक अकाउंट

विवाद बढ़ने के बाद विधायक ईश्वर साहू ने सफाई देते हुए कहा कि यह फेसबुक अकाउंट उनका नहीं है।

“मेरे नाम से फर्जी आईडी बनाकर मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है। यह किसी राजनीतिक साजिश का हिस्सा हो सकता है। मैंने इस बारे में बेमेतरा एसपी को जानकारी दी है और एफआईआर भी दर्ज करवा रहा हूं।”

साथ ही उन्होंने आम लोगों से अपील की कि वे इस फर्जी अकाउंट को रिपोर्ट करें और अनफॉलो करें।

हालांकि, यह बात भी सामने आई है कि यह फेसबुक आईडी लंबे समय से ईश्वर साहू के नाम और तस्वीर के साथ सक्रिय थी, जिससे उनकी सफाई पर सवाल उठने लगे हैं।


मामला अब कानूनी दायरे में

चूंकि यह मामला अब सीधे न्यायपालिका से जुड़ा है, इसलिए इसे केवल राजनीतिक बयानबाजी के तौर पर नहीं देखा जा सकता। बेमेतरा पुलिस ने विधायक की शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इन विवादित पोस्ट्स के पीछे कौन है और पोस्ट करने का उद्देश्य क्या था।


अब निगाहें अगली कार्रवाई पर

एक जनप्रतिनिधि के नाम से न्यायपालिका के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी एक गंभीर विषय है, खासकर जब मामला देश की सर्वोच्च संस्था से जुड़ा हो। इस विवाद ने राजनीतिक और संवैधानिक दोनों ही मोर्चों पर बहस छेड़ दी है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि पुलिस जांच किस दिशा में जाती है और भाजपा इस मामले पर क्या रुख अपनाती है।

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