जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में पुलिस ने ऑपरेशन मुस्कान के तहत शानदार काम करते हुए चार लापता लड़कियों को सुरक्षित उनके परिवारों से मिलाया है। हाईटेक तकनीकी विश्लेषण और लगातार प्रयासों के चलते पुलिस ने हैदराबाद और कानपुर जैसे दूरस्थ शहरों से भी लड़कियों का सुराग लगाकर उन्हें वापस लाने में सफलता पाई।
हर केस में दिखाई गई संवेदनशीलता और तत्परता
गत सप्ताह जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों—पत्थलगांव, कांसाबेल, सन्ना और आरा चौकी से नाबालिग लड़कियों की गुमशुदगी की शिकायतें दर्ज हुई थीं। पुलिस टीम ने महज सात दिन में सभी मामलों को सुलझा लिया, जिससे क्षेत्र में पुलिस पर आम जनता का भरोसा और भी मजबूत हुआ है।
प्रमुख मामलों की संक्षिप्त जानकारी:
- पत्थलगांव: 14 वर्षीय लड़की परिवार से नाराज होकर चली गई थी, जिसे 13 अप्रैल को तलाश लिया गया।
- कांसाबेल: 17 साल की किशोरी को 25 मार्च के बाद हैदराबाद से बरामद किया गया।
- सन्ना: 20 वर्षीय युवती कानपुर में मिली, जो 19 मार्च से लापता थी।
- आरा: सबसे गंभीर मामला 14 साल की नाबालिग का था, जिसे युवक शादी का झांसा देकर ले गया था।
POSCO एक्ट के तहत मामला दर्ज, आरोपी गिरफ्तार
आरा क्षेत्र की नाबालिग लड़की को आरोपी कुमंत राम ने बहला-फुसलाकर अगवा किया और शारीरिक शोषण किया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए लड़की को आरोपी के कब्जे से छुड़ाया और उसे गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ BNS की धाराएं 87, 96, 64(2) और POCSO एक्ट की धारा 6 के अंतर्गत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
जशपुर पुलिस की सख्ती और संवेदनशीलता
एसएसपी शशि मोहन सिंह ने कहा कि जशपुर पुलिस महिला और बाल सुरक्षा के मामलों को पूरी गंभीरता से लेती है। ऑपरेशन मुस्कान के तहत अब तक 150 से अधिक गुमशुदा बच्चों को उनके परिवारों से मिलाया जा चुका है। यह अभियान लगातार जारी रहेगा।
जनहित में एक सशक्त संदेश
इस अभियान ने यह स्पष्ट किया है कि यदि पुलिस सही दिशा में तत्परता से कार्य करे, तो न केवल पीड़ित परिवारों को राहत मिलती है, बल्कि समाज में एक मजबूत संदेश भी जाता है कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।