रायपुर– ईडी ने शराब घोटाले में जेल भेजे गए पूर्व आबकारी मंत्री एवं कोंटा के कांग्रेस विधायक कवासी लखमा के खिलाफ 3773 पेज का बुधवार को स्पेशल कोर्ट में पेश किया। इसमें डिस्टलरी संचालक सहित 11 अन्य लोगों के नाम भी शामिल है। इसमें 86 पेज की समरी में प्रकरण का ब्योरा दिया गया है।
इसमें बताया गया है कि कवासी लखमा की आबकारी नीति बदलने में अहम भूमिका रही है। शराब घोटाले के संबंध में उन्हें जानकारी थी।
लखमा 21 जनवरी को भेजे गए जेल
इस घोटाले से अर्जित अवैध वसूली से 1.50 करोड़ रुपए प्रतिमाह मिलते थे। आरोप है कि कवासी लखमा दस्तावेजों में हस्ताक्षर करने के एवज में 50 लाख रुपए तक की राशि वसूल करते थे। यह राशि सिंडीकेट से जुडे़ हुए लोगों द्वारा विभिन्न माध्यमों पहुंचाई जाती थी। अब इस प्रकरण की सुनवाई 22 मार्च को होगी।
ईडी ने शराब घोटाला में कवासी लखमा को 15 जनवरी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर पूछताछ करने 21 जनवरी तक पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया था। इसकी अवधि पूरी होने पर फिर कोर्ट में पेश किया। इसके बाद न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था।
घोटाले में ये 21 लोग भी शामिल, ED ने किया बड़ा खुलासा
ईडी के विशेष लोक अभियोजक के मुताबिक लखमा शराब सिंडिकेट का एक अभिन्न अंग थे। कवासी लखमा को 2019 से 2022 के बीच हुए शराब घोटाले से उत्पन्न अपराध की आय में से डेढ़ करोड़ रुपए प्रति माह मिल रहे थे। एजेंसी ने दावा किया कि वह अचल संपत्तियों के निर्माण में लखमा द्वारा प्राप्त अपराध की आय के उपयोग से जुड़े साक्ष्य एकत्र करने में सफल रही। इसके इनपुट मिलने पर छापा मारकर तलाशी लेने के बाद गिरफ्तारी की गई।
लखमा को हर महीने मिलते थे 1.50 करोड़ रुपए
ईडी ने पेश किए गए चालान में कुल 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसमें कवासी लखमा, अनवर ढेबरस अनिल टूटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, टॉप सिक्यूरिटी, ओम सांई ब्रेवरेज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पॉवर, भाटिया वाइन मर्चेंट और सिध्दार्थ सिंघानिया सहित अन्य लोगों के नाम शामिल है।
लखमा के खिलाफ यह आरोप
कवासी लखमा पूरे मामलों की जानकारी नहीं होने के बाद भी शराब खरीदी-बिक्री के अवैध और अनधिकृत संचालन को रोकने किसी तरह के प्रयास नहीं किए जाने के आरोप हैं। साथ ही नीति परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के आरोप है। जिसके कारण राज्य में एफएल-10ए लाइसेंस की शुरुआत हुई। सरकार के एफएल-10ए लाइसेंस ने लाइसेंस धारकों को विदेशी शराब क्षेत्र में कमाई करने की अनुमति दी।

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