नारायणपुर: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में 40 लाख रुपए के इनामी 11 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। नक्सल उन्मुलन अभियान और अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैंप स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर शुक्रवार को एसपी प्रभात कुमार के समक्ष 40 लाख के इनामी 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
40 लाख के इनामी 11 नक्सलियों ने किया सरेंडर,
इनमें 7 महिला एवं 4 पुरुष नक्सली शामिल है। इन आत्मसमर्पित नक्सलियों को आर्थिक सहायता के रूप में 25-25 हजार रुपए का चेक प्रदान किया गया। वहीं आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा।

आत्मसमर्पित नक्सलियों में डीवीसीएम मंगेश एवं बदरू का माड़ इलाके में आतंक था। इस आतंक में ग्रामीणों को बंदूक की नोक डराने एव धमकाने कार्य कर कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहे है। इन नक्सलियों के आत्मसमर्पण से नक्सली संगठन को घात पहुंचा है।
नक्सलियों ने डाले हथियार, 40 लाख के इनामी 11 माओवादियों ने किया सरेंडर
वहीं दंतेवाड़ा जिले में चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान ‘लोन वर्राटू’ (घर वापस आइए) और छत्तीसगढ़ शासन की ‘पुनर्वास नीति’ का असर लगातार बढ़ता जा रहा है। इस अभियान के तहत जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ लगातार माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए संवाद कर रहे है और साथ ही शासन की नक्सल पुनर्वास नीति का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।

इसी अभियान के प्रभाव में मलांगेर एरिया कमेटी की दो ईनामी महिला नक्सली ने आत्मसमर्पण करने का संकल्प लिया और गुरुवार को डीआरजी कार्यालय दंतेवाड़ा में उच्च पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
महिला समेत 11 खूंखार नक्सलियों ने किया सरेंडर
आत्मसमर्पण करने वाली नक्सली में कुमारी भीमे वेट्टी, जो प्लाटून नंबर 20 की सदस्या थीं और कुमारी जोगी कुंजाम, जो मलांगेर/पालनार एलओएस की सदस्य थीं, शामिल हैं। इन दोनों महिला नक्सली ने आत्मसमर्पण के बाद कहा कि वे अब समाज की मुयधारा में लौटना चाहती हैं और अपने परिवार के साथ एक बेहतर जीवन बिताना चाहती हैं।

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