शादी के लिए मार्च में बचे हैं दो मुहूर्त, 16 अप्रैल से फिर से बजेगी शहनाई

राजेन्द्र देवांगन
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महामाया मंदिर के पुजारी पं. मनोज शुक्ला के अनुसार होलिका दहन के पूर्व के आठ दिनों को अशुभ काल माना जाता है। मान्यता है कि भक्त प्रहलाद को आठ दिनों तक कठोर यातना दी गई थी। इन्हीं आठ दिनों के काल को होलाष्टक कहा जाता है। इन आठ दिनों तक ग्रह नक्षत्र भी शुभ अवस्था में नहीं होते।

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