चुनाव में फ्री वादों पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा – लोग काम से बचना चाहते हैं

राजेन्द्र देवांगन
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सरकार की प्राथमिकता जनता को आत्मनिर्भर बनाना हो – सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावों में राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त सुविधाओं के वादों पर सख्त नाराजगी जताई है। अदालत ने कहा कि बिना काम किए लोगों को फ्री राशन और पैसे मिलने से वे श्रम से बच रहे हैं, जो समाज और देश की अर्थव्यवस्था के लिए घातक हो सकता है।

बुधवार को शहरी गरीबी उन्मूलन से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने इस मुद्दे पर असंतोष व्यक्त किया। अदालत ने कहा कि चुनाव से पहले मुफ्त योजनाओं का ऐलान वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा बन गया है, जिससे लोग मेहनत करने के बजाय सरकारी मदद पर निर्भर हो रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सरकार की प्राथमिकता जनता को मुफ्त सुविधाएं देने के बजाय उन्हें मुख्यधारा में लाने और आत्मनिर्भर बनाने की होनी चाहिए। अदालत की यह टिप्पणी राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त वादों के दुरुपयोग पर एक महत्वपूर्ण संकेत मानी जा रही है।

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