1992 बैच के आईपीएस अधिकारी को मिली जिम्मेदारी, कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने की चुनौती
छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार ने अरुण देव गौतम को प्रदेश का नया पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया है। वे 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी अशोक जुनेजा की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 3 फरवरी को समाप्त हो गया। गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। अरुण देव गौतम अपनी सख्त प्रशासनिक शैली और अपराध नियंत्रण की रणनीतियों के लिए पहचाने जाते हैं।
नई भूमिका में गौतम की प्राथमिकताएं
छत्तीसगढ़ के नए डीजीपी के रूप में अरुण देव गौतम की प्राथमिकता अपराध पर नियंत्रण, कानून-व्यवस्था को मजबूत करना और पुलिसिंग में सुधार लाना होगा। उनके अनुभव और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए सरकार ने यह जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है। फिलहाल केंद्र सरकार से औपचारिक मंजूरी मिलने के बाद उनकी स्थायी नियुक्ति की औपचारिक घोषणा होगी।
कौन हैं अरुण देव गौतम?
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के अभयपुर गांव में जन्मे अरुण देव गौतम का सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने प्रयागराज के राजकीय इंटर कॉलेज से स्कूली शिक्षा प्राप्त की और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए एवं राजनीति विज्ञान में एमए किया। इसके बाद जेएनयू, दिल्ली से अंतरराष्ट्रीय कानून में एमफिल और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। यूपीएससी परीक्षा में पहले प्रयास में असफल होने के बाद दूसरे प्रयास में आईपीएस बने।
सात जिलों में एसपी, कई महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती
अरुण देव गौतम ने 1992 में आईपीएस सेवा जॉइन की और पहले मध्य प्रदेश कैडर में नियुक्त हुए। राजगढ़ जिले में एसपी के रूप में पहली पोस्टिंग मिली। वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ कैडर में आने के बाद वे कोरिया, रायगढ़, जशपुर, राजनांदगांव, सरगुजा और बिलासपुर जिलों में एसपी रहे।
नक्सल प्रभावित इलाकों में दबंग अफसर की छवि
2009 में राजनांदगांव में नक्सली हमले में 29 पुलिसकर्मी और एसपी शहीद हो गए थे, जिसके बाद सरकार ने अरुण देव गौतम को वहां एसपी नियुक्त किया। उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर उनकी गतिविधियों को कमजोर किया। इसके बाद बस्तर के आईजी रहते हुए झीरम घाटी हमले के बाद शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रशासनिक सफर और रणनीतिक पदस्थापनाएं
डीआईजी बनने के बाद पुलिस मुख्यालय, सीआईडी, वित्त एवं योजना, प्रशासन और मुख्यमंत्री सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभागों में काम किया। आईजी के रूप में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल, बिलासपुर रेंज और बस्तर के प्रभारी रहे।
नए डीजीपी के रूप में चुनौतियां
अरुण देव गौतम को ऐसे समय में यह जिम्मेदारी मिली है, जब छत्तीसगढ़ में नक्सल गतिविधियां, साइबर क्राइम और संगठित अपराध जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं। उनकी अगुवाई में प्रदेश की पुलिसिंग व्यवस्था को अधिक मजबूत और प्रभावी बनाने की उम्मीद की जा रही है।
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