बालोद जिले की डोंडीलोहारा नगर पंचायत चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजघराने से ताल्लुक रखने वाले युवराज लाल निवेंद्र सिंह टेकाम को प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने पूर्व मंत्री अनिला भेड़िया के करीबी अनिल लोढ़ा को मैदान में उतारा है। दोनों प्रत्याशी अपने-अपने दल की जीत सुनिश्चित करने के लिए जोर-शोर से जनसंपर्क में जुटे हुए हैं।
भाजपा का आरोप: कांग्रेस शासन में भ्रष्टाचार हावी
भाजपा प्रत्याशी निवेंद्र सिंह टेकाम ने बीते 10 वर्षों के कांग्रेस समर्थित नगर पंचायत प्रशासन पर निशाना साधते हुए भ्रष्टाचार और ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि कांग्रेस के कब्जे में रही नगर पंचायत में अपेक्षित विकास कार्य नहीं हुए, जिससे स्थानीय नागरिकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस का दावा: जनहित में किए विकास कार्य
कांग्रेस प्रत्याशी अनिल लोढ़ा ने अपने कार्यकाल को नगर के विकास का स्वर्णिम युग बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान मंत्री अनिला भेड़िया द्वारा कराए गए विकास कार्य शहर के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित हुए हैं। लोढ़ा ने वादा किया कि जनता की राय के आधार पर भविष्य की विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी।
प्रचार अभियान तेज, मतदाताओं को लुभाने की कोशिश
दोनों प्रत्याशी अपनी रणनीति के तहत मतदाताओं को साधने में जुटे हैं। कांग्रेस उम्मीदवार अनिल लोढ़ा ने जनता से सीधा संवाद कर उनकी जरूरतों को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया, जबकि भाजपा प्रत्याशी निवेंद्र सिंह टेकाम ने कहा कि वह जनता के बीच से हैं और उनका उद्देश्य नगर पंचायत में पारदर्शिता और सुशासन स्थापित करना है।
“मैं राजा नहीं, जनता का सेवक हूं” – निवेंद्र सिंह
मीडिया से बातचीत के दौरान भाजपा प्रत्याशी निवेंद्र सिंह टेकाम ने स्पष्ट किया कि वह खुद को किसी राजा के रूप में नहीं देखते, बल्कि जनता का सेवक मानते हैं। उन्होंने कहा, “मैं न तो नेता हूं, न राजा। मेरा जीवन आम जनता के बीच गुजरता है, और मैं उनके हितों की रक्षा के लिए चुनाव लड़ रहा हूं।”
डोंडीलोहारा में भाजपा-कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर
डोंडीलोहारा नगर पंचायत पर लंबे समय से कांग्रेस का कब्जा रहा है, जबकि विधानसभा स्तर पर राजपरिवार का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा गया है। ऐसे में भाजपा ने राजघराने के प्रभाव को भुनाने के लिए निवेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया है, वहीं कांग्रेस अपने जनाधार को मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है।
चुनाव परिणाम तय करेगा कि डोंडीलोहारा की जनता किस पार्टी पर भरोसा जताती है – कांग्रेस की निरंतरता या भाजपा का बदलाव का वादा?