हाईकोर्ट का बड़ा आदेश: जमानत और लंबित मामलों का जल्द निपटारा अनिवार्य, तय की गई समय सीमा

राजेन्द्र देवांगन
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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य के जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों में लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। रजिस्ट्रार जनरल (ज्यूडिशियल) ने आदेश में कहा है कि जमानत आवेदनों पर एक सप्ताह के भीतर निर्णय लेना अनिवार्य होगा, जबकि सत्र न्यायालय में विचाराधीन मामलों को दो वर्षों और मजिस्ट्रेट स्तर पर लंबित मामलों को छह माह के भीतर निपटाने के निर्देश दिए गए हैं।

पुराने लंबित मामलों के निपटारे के लिए समय सीमा निर्धारित

हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, 10 वर्ष से अधिक पुराने मामलों का निपटारा 30 अप्रैल 2018 तक और 5 से 10 वर्ष पुराने मामलों का निपटारा 30 सितंबर 2018 तक करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके अलावा, जमानत मामलों, अंतरिम आदेश वाले प्रकरणों और विशेष श्रेणी के मामलों को भी शीघ्र निपटाने के निर्देश दिए गए हैं।

आदेश का पालन अनिवार्य

सभी जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों को इन दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि लंबित मामलों की उचित निगरानी और त्वरित निपटारे के लिए न्यायिक अधिकारियों को ठोस कदम उठाने होंगे। धीमी गति से निपटाए जा रहे मामलों पर विशेष ध्यान देने और त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

न्यायिक अधिकारियों के लिए साप्ताहिक बैठक अनिवार्य

आदेश में कहा गया है कि न्यायिक अधिकारियों को हर सप्ताह कम से कम एक बैठक करनी होगी, जिसमें लंबित प्रकरणों की समीक्षा की जाएगी और न्याय प्रक्रिया को तेज करने के उपायों पर चर्चा होगी। हाईकोर्ट ने यह कदम न्याय प्रक्रिया को प्रभावी और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से उठाया है।

पुराने मामलों की सूची तैयार होगी, ‘अत्यावश्यक’ का होगा उल्लेख

‌हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि लंबित मामलों की सूची तैयार की जाए और प्रत्येक पीठासीन अधिकारी द्वारा हर महीने समीक्षा की जाए। इसके साथ ही पुराने लंबित आपराधिक मामलों में जारी किए गए समन और वारंट के शीर्ष पर ‘अत्यावश्यक पुराना लंबित मामला’ अंकित करना अनिवार्य होगा, ताकि इन मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जा सके।

पोर्टफोलियो जज को दी जाएगी जानकारी

पुराने लंबित मामलों और अन्य प्राथमिकता वाले प्रकरणों के त्वरित निपटारे के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी प्रत्येक जिले के पोर्टफोलियो जज या विलंबित एवं लंबित मामलों की समीक्षा समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।

न्यायिक प्रणाली में तेजी लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

हाईकोर्ट द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को न्याय प्रक्रिया में गति लाने और मामलों के त्वरित निपटारे के लिए महत्वपूर्ण सुधार माना जा रहा है। इससे लंबित मामलों के बोझ को कम करने और न्याय दिलाने की प्रक्रिया को प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।

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