राधा माधव भगवान के सतगुरु अद्भुत आनंदमय कथाओं का कथन हुआ। कबीर साहब का भजन कीर्तन करते हुए

राजेन्द्र देवांगन
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बिलासपुर सवितर्क न्यूज, कमल दुसेजा

जय श्री कृष्णा सफला एकादशी भक्ति प्रेम में पूरी तरह सफल हुई। सतगुरु बाबा आनंद राम साहब उदासी आश्रम चकरभाटा में प्रतिपक्ष की तरह सफला एकादशी भरपूर भक्ति प्रेम कीर्तन भजन के आल्हाद से आनंदित करती सफल हुई। सबसे पहले श्री राधा नाम, श्री गीता के वचन व्याख्या फिर श्रीमद्भागवत में श्री दत्तात्रेय भगवान की कथा जिन के 24 गुरुओं की शिक्षा की कथा पूर्ण हुई तत्पश्चात श्री राधा माधव भगवान के सतगुरु के प्यारे प्यारे भजन गाए गए, गुरबाणी शब्द गाया गया और अद्भुत आनंदमय कथाओं का कथन हुआ। कबीर साहब का भजन चदरिया झीनी रे झीनी,,, अर्थात यह व्यक्ति ही जीवात्मा रूप से चादर लेकर आता है

जिसे सतगुरु भक्ति का रंग रंग देते हैं कोई कोई मूर्ख यह भेद नहीं जानते और विषय विकारों में एक चादर मैली कर देते हैं इसलिए कबीर साहब कहते हैं कबीरा जब हम पैदा हुए जग हंसे हम रोए। ऐसी करनी कर चलो हम हंसे जग रोए। जन्म लेते बच्चे रोता है पर कोई बात नहीं जब वह संसार छोड़कर जाए तो ऐसे कर्म करके जाए ऐसी भक्ति करके जाए कि जाने के बाद उसके पीछे संसार रो पड़े कि कैसा अद्भुत भक्त था प्रभु का प्रेमी था। मीराबाई का भजन नैनों में नंदलाल बसो मेरे नैनन में नंदलाल भक्तिमति मीराबाई श्रीकृष्ण को अपलक दर्शन करती हैं और पलके बंद करके नैनो के भीतर सांवरे को संभाल लेती है ठाकुर जी कैद हो जाते हैं मीराबाई के नैनों में। ऐसी भक्ति की महिमा है। एकादशी की महिमा जिसके केवल श्रवण करने से राजसूय यज्ञ का लाभ हुआ। एकादशी की ऐसी महिमा है जो एकादशी पालन करते हैं वे अकेले नहीं मुक्ति पाते उनके साथ उनके पूर्वज उनके परिवार वाले सभी की सद्गति होती है। और जो एकादशी करके सब के लिए भक्ति कीर्तन की व्यवस्था करते हैं उनके तो कई पीढ़ियों का उद्धार हो जाता है। यह वरदान एकादशी मैया को भगवान श्री कृष्ण ने साक्षात अपने श्री मुख से दिए हैं। नृत्य कीर्तन में लोगों ने भाव से नृत्य किया बबलू रामानी ने बड़े उत्साह से सेवा की उनके छोटे बेटे गुलशन के पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में यह भक्ति की सेवा हुई सुंदर भेट और प्रसाद वितरण हुआ बाबा आनंद राम सेवा समिति ने तन मन धन से सेवा की विजय दुसेजा ने एकादशी भक्ति का सभी जगह प्रेम से प्रचार कर प्रभु के सेवा का आशीर्वाद पाया सारी संगत निहाल हुई और हृदय में प्रभु को बिठाकर रसना से उनके गीत गाकर एकादशी पारण किया। श्री राधा कृष्ण चंद्र की जय जय ,जय ,जय कार के साथ सभी ने आनंद लिया। वहीं दूसरी ओर श्री कृष्ण दास जी ने रायपुर में सुखमनि साहब में सत्संग की गंगा प्रवाहित करके रायपुर की संगत को भी श्री कृष्ण धाम कालीबाड़ी में आल्हादित्त किया रायपुर में श्री कालूराम धर्मानी और सभी सेवादारों ने बड़े प्रेम से कथा कीर्तन का रसपान किया। सुदामा भैया पानी वाले ने सुंदर कथा गुरबाणी का गान किया फिर सभी ने प्रसाद ग्रहण किया। सभी अगली एकादशी का इंतजार करते हैं की वही आनंद फिर से प्राप्त करें। जय श्री कृष्णा
भवदीय

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