ईडी के दफ्तर पहुंचे कवासी लखमा, 2000 करोड़ के घोटाले में हो सकती है गिरफ्तारी, भूपेश बघेल सरकार में थे मंत्री

राजेन्द्र देवांगन
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रायपुर। 2500 करोड़ के शराब घोटाले के समय आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा ईडी के समन पर अब से कुछ देर पहले पार्क स्थित जोनल आफिस पुजारी पहुंचे। उनके बेटे हरीश उनके करीबी नहीं पहुंचे हैं। ईडी का दावा है कि उसे शराब घोटाले में लखमा के शामिल होने और अवैध शराब बिक्री पर उन्हें कमीशन मिलने के सबूत मिले हैं। ईडी ने 28 दिसंबर को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, उनके बेटे हरीश कवासी के घर छापा मारा था। पूर्व मंत्री की कार को घर से बाहर निकालकर तलाशी ली गई।

साथ ही उनके करीबी सुशील ओझा के चौबे कॉलोनी स्थित घर और सुकमा जिले में लखमा के बेटे हरीश और नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर पर भी जांच की गई। लखमा को 3 जनवरी को ईडी ने हाजिर होने का समन जारी किया है। ईडी को छापे के दौरान नगद में पीओसी के उपयोग से संबंधित सबूत मिले हैं। जांच के बाद कई डिजिटल उपकरण जब्त किए गए। उनमें आपत्तिजनक रिकॉर्ड होने का शक है।

 

ED को सब सच बताए कवासी लखमा : अरुण साव ईडी ने दावा किया है कि पूर्व मंत्री के रूप में लखमा ने कार्यकाल के दौरान अपराध की आय के मुख्य प्राप्तकर्ता थे। ईडी ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि जांच में पहले ही पता चला था कि अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य लोगों का शराब सिंडिकेट छत्तीसगढ़ में काम कर रहा है। इस घोटाले के माध्यम से उत्पन्न पीओसी का अनुमान करीब 2161 करोड़ रुपए है। ईडी को पता चला है कि लखमा पीओसी से मासिक आधार पर बड़ी मात्रा में नगद लेते थे। 

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