सुप्रीम कोर्ट ने ED के लिए जांच को लेकर खींची लक्ष्मण रेखा, किसी का मोबाइल-लैपटॉप नहीं कर सकते एक्सेस

राजेन्द्र देवांगन
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नई दिल्ली -सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को “लॉटरी किंग” सेंटियागो मार्टिन, उनके रिश्तेदारों और कर्मचारियों के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से डेटा एक्सेस और कॉपी करने से रोक दिया। यह आदेश उन छापों के संदर्भ में दिया गया, जो नवंबर में छह राज्यों के 22 स्थानों पर ईडी ने मेघालय पुलिस की शिकायत के बाद डाले थे। शिकायत में आरोप था कि फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने राज्य में लॉटरी व्यवसाय पर अवैध कब्जा किया था।

ईडी ने छापेमारी के दौरान 12.41 करोड़ रुपये नकद बरामद किए थे। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अभय एस ओका और पंकज मित्तल की पीठ ने 13 दिसंबर को एक आदेश में ईडी को सेंटियागो मार्टिन और उनके कर्मचारियों के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से डेटा निकालने और कॉपी करने से रोका। अदालत ने ईडी को पर्सनल डेटा के लिए समन जारी करने से भी प्रतिबंधित कर दिया।

सेंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग देश में सबसे बड़ा चुनावी बॉन्ड दाता रही है। 2019 से 2024 के बीच इसने 1,368 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे, जिनमें से तृणमूल कांग्रेस को 542 करोड़ रुपये, डीएमके को 503 करोड़ रुपये, वाईएसआर कांग्रेस को 154 करोड़ रुपये और भाजपा को 100 करोड़ रुपये का दान दिया गया।

अधिकार और निजता का मुद्दा
फ्यूचर गेमिंग और उनके कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर मौजूद डेटा व्यक्तिगत और संवेदनशील होता है। याचिकाकर्ताओं ने ‘अपने संवैधानिक और मौलिक अधिकारों, खास तौर पर निजता के मौलिक अधिकार की रक्षा’ की मांग की है। उन्होंने तर्क दिया कि ‘व्यक्तिगत डिजिटल उपकरणों पर मौजूद जानकारी बहुत अंतरंग, व्यक्तिगत और किसी व्यक्ति के जीवन के बारे में भौतिक स्थान पर रखी गई किसी भी चीज से ज्यादा खुलासा करने वाली होती है…’

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