राजनांदगांव -छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है। प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। बता दें कि पुलिस भर्ती गड़बड़ी में आरक्षक के आत्महत्या करने के बाद 6 लोगों को अरेस्ट किया था। इसी के साथ ही इस मामले में एसआईटी भी गठित कर दी है। अब सीएम विष्णुदेव साय के निर्देश पर गृहमंत्री ने राजनांदगांव पुलिस आरक्षक भर्ती को रद्द कर दिया है।
इस गड़बड़ी मामले में पुलिस ने 6 लोगों को अरेस्ट किया, जिनमें चार कॉन्स्टेबल हैं। इनमें आरोपी परिधि निषाद, पवन कुमार साहू, योगेश कुमार धुर्वे, नुतेश्वरी धुर्वे, धर्मराज मरकाम और पुष्पा चंद्रवशी हैं, जिन्हें अरेस्ट किया है।
जांच में आया मशीन में छेड़खानी
राजनांदगांव पुलिस भर्ती प्रक्रिया की गड़बड़ी के मामले में लालबाग थाने में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। जहां धारा 61(2), 3(5) BNS को विवेचना के बाद जोड़ा गया है। इसी मामले की जांच के दौरान आरक्षक भर्ती संवर्ग में कैंडिडेट्स का डाटा फीड करने वाली मशीन में छेड़खानी की गई थी। छेड़छाड़ के बाद अंक में कैंडिडेट्स को लाभ दिया था।
इस दौरान जांच में जब कैंडिडेट मीना पात्रे ने पूछताछ की गई थी। इसमें उसने जानकारी दी थी कि 14 दिसंबर को सुबह आरक्षक भर्ती प्रक्रिया चल रही थी। तभी अपने परिचित पुलिस स्टाफ को गलत तरीके से आर्थिक लुभावना ऑफर दिया गया। आरोपी मीना पात्रे के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिले, इसके बाद उसे अरेस्ट कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था।
कॉन्स्टेबल की खुदकुशी से हुआ खुलासा
बता दें कि राजनांदगांव में पुलिस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के मामले में संदेही रहे कॉन्स्टेबल अनिल कुमार रत्नाकर का शव ग्राम रामपुर के पास पेड़ पर 21 दिसंबर को लटका हुआ मिला। उसने हाथ पर पुलिस भर्ती में गड़बड़ी और अधिकारियों को बचाने का आरोप लगाकर सुसाइड नोट हाथ में लिखा था। इस घटना के बाद पुलिस भर्ती गड़बड़ी का खुलासा हुआ।
जांच के लिए एसआईटी का किया है गठन
राजनांदगांव पुलिस भर्ती गड़बड़ी मामले में कॉन्स्टेबल ने आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद यह मामला गर्माया। इस पर पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) राजनांदगांव रेंज दीपक कुमार झा ने एसआईटी का गठन कर दिया। इसी के साथ ही इस मामले की निष्पक्ष जांच करने के आदेश दिए। गठित एसआईटी को आईजी ने 10 दिन में जांच रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं।
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