धर्म-कला -संस्कृतिबस्तरमुख पृष्ठ

4 किमी चलकर इस शिव मंदिर आते हैं भक्त, सात धाराओं को करते हैं पार” मंदिर के जुड़े रहस्य जानकर हैरान हो जाएंगे आप..!

Advertisement

4 किमी चलकर इस शिव मंदिर आते हैं भक्त, सात धाराओं को करते हैं पार” मंदिर के जुड़े रहस्य जानकर हैरान हो जाएंगे आप..!
बस्तर क्षेत्र के इस मंदिर से जुड़े  रहस्य जानकर हैरान हो जाएंगे आप,जान के जोखिम पर भारी आस्था, 4 किमी चलकर इस शिव मंदिर आते हैं भक्त, सात धाराओं को करते हैं पार,शिवरात्रि  में. सुबहा से ही बस्तर क्षेत्र के सुकमा सहित छत्तीसगढ़ के सभी शिवालयों में भक्तों की भीड़ लगी हुई है. इस बीच सुकमा के तेलावर्ती गांव से भक्ति की परम अवस्था दिखाती तस्वीरें सामने आई है

  सुकमा जिला मुख्यालय से करीब 7 किमी दूर स्थित शबरी नदी के मुहाने बने शिव मंदिर की हैं. तेलावर्ती गांव की शबरी नदी सात धाराओं में विभाजित है. इन धाराओं के बीच शिवलिंग की स्थापना हुई है. इस शिवलिंग के दर्शन और अभिषेक करने भक्त करीब 4 किमी पैदल चलकर आते हैं. उन्हें पूजा अर्चना के लिए नदी का सात धाराओं को पार करना पड़ता है. वहां तक जाने के लिए लोग हाथ लकड़ी के बेहद संकरे पुल से गुजरते हैं. इस पुल को गांववालों ने खुद बनाया है.

इस बीच कई लोग नदी में गिर भी जाते हैं. लेकिन, आस्था का भार जान के जोखिम से ज्यादा है. लोग नदी में गिर भी जाते हैं तो किसी तरह फिर लकड़ी पकड़कर पुल पर चढ़ जाते हैं. इस जगह हर साल सुकमा के अलावा आसपास के गांवों के सैकड़ों लोग आते हैं. वे भगवान शिव पर जल चढ़ाकर भगवान से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं.

इस मंदिर में इतनी भीड़ रहती है कि दिनभर भक्तों की लाईन लगी रहती है. यहां मिट्टी के टीले पर शिवलिंग निकला हुआ है. मान्यता है कि सैकड़ों साल पहले दक्षिण भारत से दो साधु यहां से गुजर रहे थे. उन्होंने इस जगह सालों तक तपस्या की थी. उसके बाद उन्होंने इस जगह शिवलिंग की स्थापना की. इस शिवलिंग को लेकर और भी कई मान्यताएं हैं.

यह हकीकत है कि बारिश के दिनों में शबरी उफान पर रहती है. आलम यह रहता कि शबरी नदी का पानी जिला मुख्यालय तक पहुंच जाता है. लेकिन नदी के बीचों-बीच होने के बाद भी शिवलिंग पर पानी नही आता. ये बात सभी को हैरान करती है. यहां के लोग बताते हैं सुकमा के राजा रंगाराम अपनी पत्नि व बच्चे के साथ शबरी नदी से नाव पर सवार होकर गुजर रहे थे.

इस बीच यहां पर आवाज आई कि कोई एक यहां उतरेगा तभी यहां से नाव आगे बढ़ेगी. राजा और पत्नी आपस में बातचीत कर रहे थे तभी उनके पुत्र ने नदी में छलांग लगा दी. उसके बाद नाव आगे बड़ने लगी. फिर एक आवाज आई कि आज से तुम यहां पर अपना राज्य स्थापित कर सकते हो. उसके बाद यहां पर पूजा-अर्चना शुरू हो गई.

Related Articles

Back to top button