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वन विभाग के नारंगी रेंजर द्वारा चैतमा एवं पाली रेंज के जंगलों में मुनारा निर्माण के नाम पर लाखों का वारा- न्यारा, पुराने मुनारों को मरम्मत व रंग- रोगन कराकर नवनिर्माण का दिया रूप

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पाली से ब्लॉक प्रमुख शशिमोहन कोशला के साथ संवाददाता संजय यादव की ख़ास ख़बर– वन विभाग के नारंगी रेंजर द्वारा चैतमा एवं पाली रेंज के जंगलों में मुनारा निर्माण के नाम पर लाखों का वारा- न्यारा, पुराने मुनारों को मरम्मत व रंग- रोगन कराकर नवनिर्माण का दिया रूप
चैतमा-पाली वन विभाग में भ्रष्ट्राचार थमने का नाम ही नही ले रहा है। और अधिकारी जनता के पैसे का लूट मचाने में कोई कसर नही छोड़ रहे है। वनविभाग के नारंगी में पदस्थ वन अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने इस बार मुनारा निर्माण के नाम पर लाखों का वारा- न्यारा एवं बंदरबांट किया है। जहां करीब एक हजार मुनारा का नवनिर्माण कटघोरा वनमंडल के चैतमा एवं पाली रेंज में कराया जाना तो बताया गया है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। अधिकांश मुनारा का गुणवत्ताहीन निर्माण के कारण वे कुछ दिनों में ही टूटफूट कर आस्तित्व विहीन हो रहे है। जबकि अधिकांश मुनारों का निर्माण कराया ही नही गया और पुराने मुनारों को रंग- रोगन कर नवनिर्माण का रूप दे दिया गया है। बता दें कि कोरबा जिले में दो वनमंडल कोरबा एवं कटघोरा के अंतर्गत जंगलों में मुनारा निर्माण का काम नारंगी वनपरिक्षेत्र में पदस्थ रेंजर एवं कर्मचारियों द्वारा कराया जाता है। बीते माह में नारंगी रेंजर के देखरेख में चैतमा एवं पाली वन परिक्षेत्र के जंगलों में करीब एक हजार मुनारा का निर्माण कराना था, लेकिन अधिकांश मुनारा का नवनिर्माण कागजों में कराकर लाखों का वारा- न्यारा एवं बंदरबांट किया गया। बताया गया कि जिन क्षेत्रों में मुनारा निर्माण कराया गया है, गुणवत्ताहीन होने एवं कुछ ही दिनों में टूटफूट कर धसक जाने के कारण उन क्षेत्र के बीट गार्डों ने आपत्ति जताई है और सत्यापन में हस्ताक्षर नही किये है।

नारंगी वन परिक्षेत्र के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने इस तरह किया भ्रष्ट्राचार
कटघोरा वनमंडल के चैतमा एवं पाली रेंज के नारंगी क्षेत्रों में एक ही मिस्त्

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