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सियासी दलों को महासमुंद की जनता का संदेश….साहू वोटर्स साधने कांग्रेस का फार्मूला हुआ सुपर फ्लाप

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० बीजेपी की रूप कुमारी चौधरी ने ताम्रध्वज साहू को 1 लाख 45 हजार 456 से हराया

गरियाबंद। मोदी की गारंटी और छत्तीसगढ़ शासन की महतारी वंदन योजना के आगे महासमुंद में साहू फैक्टर की हार हुई है। इस तरह से महासमुंद की जनता ने लगातार दूसरी बार बाहरी प्रत्याशी को नकार दिया है। टिकट वितरण के बाद से शुरू हुआ स्थानीय और बाहरी का मुद्दा मतदान तक प्रभावी रहा। इस सीट पर कुल 17 उम्मीदवार चुनाव मैदान में रहे ।

महासमुंद लोकसभा क्षेत्र में साहू वोटर्स की अधिकता को देखते हुए कांग्रेस ने अपने सबसे बड़े लीडर ताम्रध्वज साहू को मैदान में उतारा. लेकिन चुनावी नतीजों ने ये साफ किया कि महासमुंद का रण सिर्फ किसी समाज को साधकर नहीं जीता जा सकता.कभी कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली ये सीट अब बीजेपी के पाले में हैं.वो भी तब जब विधानसभा चुनाव में महासमुंद बेल्ट से कांग्रेस को काफी ज्यादा वोट मिले थे.लेकिन लोकसभा चुनाव आते-आते महासमुंद की जनता का भरोसा कांग्रेस के नेताओं से उठ गया.यही वजह रही कि मोदी के गारंटी के मुकाबले ताम्रध्वज साहू को जनता ने हाथों हाथ नहीं लिया. बीजेपी की युवा लीडर रूपकुमारी चौधरी के आगे ताम्रध्वज साहू के झंडे ठंडे हो गए. महासमुंद लोकसभा सीट से बीजेपी की रूप कुमारी चौधरी ने कांग्रेस के दिग्गज नेता ताम्रध्वज साहू को 1 लाख 45 हजार 456 से हराया.

प्रदेश में जब टिकट की घोषणा हुई थी तो कांग्रेस ने जातिगत समीकरण के आधार पर अपने कैंडिडेट उतारे थे.विरोध के बाद पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को टिकट दिलाने में सफल हुए. ताम्रध्वज साहू के मुकाबले बीजेपी ने रूप कुमारी चौधरी को मैदान में उतारा.लेकिन इस बीच ताम्रध्वज साहू को स्थानीय नेताओं का विरोध सहना पड़ा.

भाजपा की महिला प्रत्याशी रूप कुमारी चौधरी को महासमुंद लोक सभा की महिलाओं के अलावा पुरुष मतदाताओं ने अपना वोट किया है। रूप कुमारी चौधरी ने महासमुंद गरियाबंद और धमतरी जिले के सभी 08 विधानसभा क्षेत्र में जीत हासिल किया है।

कांग्रेस ने जिस जिस मकसद से साहू वोटर्स को साधने महासमुंद में जीत हासिल करने दुर्ग जिले के ताम्रधावज साहू पूर्व गृह मंत्री को प्रत्याशी बनाया था उसे यहां की जनता ने पूरी तरह से नकार दिया। ताम्रध्वज साहू की हार राजनीतिक दलों के नेताओं को संदेश देने के लिए पर्याप्त है कि मतदाता अब बाहरी प्रत्याशी को कभी बर्दास्त नहीं करने वाले हैं।

रूप कुमारी चौधरी का सियासी सफर
भाजपा ने महासमुंद लोकसभा सीट से रूपकुमारी चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा है। रूप कुमारी बीजेपी की सक्रिय नेता हैं। वे समाजसेविका, राजनीतिक रुचि और अपने क्षेत्र में अच्छी पकड़ बनाई हुई हैं। रूपकुमारी छत्तीसगढ़ विधानसभा की पूर्व सदस्य रह चुकी हैं। रूपकुमारी चौधरी महासमुंद के बसना विधानसभा क्षेत्र की निवासी हैं, जो साल 2013 से 2018 तक बसना से विधायक रही हैं।
इसके साथ ही मई 2015 से दिसंबर 2018 तक संसदीय सचिव भी थीं।
साल 2005 में रूप कुमारी चौधरी सराईपाली विधानसभा से पहली बार जिला पंचायत सदस्य बनी। इसके बाद बसना विधानसभा से दोबारा 2010 में जिला पंचायत सदस्य चुनी गईं। साल 2011 में महासमुंद जिला महामंत्री भाजपा महिला मोर्चा के पद भी संभाली। चौधरी आरएसएस से भी जुड़ी हुई हैं। संगठन में उनके अच्छी पकड़ है।

महासमुंद लोकसभा सीट का सियासी समीकरण

महासमुंद लोकसभा सीट में दिग्गज नेताओं का कब्जा रहा है। इस सीट से कांग्रेस के कद्दावर नेता विद्याचरण शुक्ल, श्यामाचरण शुक्ल और अजीत जोगी ने जीत हासिल किए हैं। बता दें कि महासमुंद लोकसभा सीट पर साल 1952 से अब तक कुल 19 चुनाव हुए हैं। इसमें 12 बार कांग्रेस का कब्जा रहा है। वहीं साल 2009, 2014 और 2019 में भाजपा का कब्जा रहा है। महासमुंद से कांग्रेस के कद्दावर नेता विद्याचरण शुक्ल सात बार जीत हासिल कर केंद्र में वरिष्ठ मंत्री रहे। अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे श्यामाचरण शुक्ल भी एक बार महासमुंद से चुनाव जीत चुके हैं। साथ ही छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने साल 2004 में इस सीट से जीत हासिल किए थे। इसके बाद से यह सीट लगातार बीजेपी के हाथों में है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के चुन्नी लाल साहू ने कांग्रेस के धनेन्द्र साहू को 90 हजार 511 हजार मतों से हराया था।

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