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Chhattisgarh “Sukma:घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के इस गांव में अज्ञात बीमारी का कहर… 2 महीनों में 16 लोगों की मौत…स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर लगा प्रश्नवाचक चिन्ह

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ब्यूरो रिपोर्ट ज्ञानवती भदोरिया

Chhattisgarh “Sukma:घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के इस गांव में अज्ञात बीमारी का कहर… 2 महीनों में 16 लोगों की मौत…स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर लगा प्रश्नवाचक चिन्ह….
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के अंदरूनी ग्रामीण क्षेत्रों में एक बार फिर मौत का कहर जारी है. पिछले 2 महीनों में जिले के कोंडासवली पंचायत के अंतर्गत 16 ग्रामीणों की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि यह मौत अज्ञात बीमारी की वजह से हुई है. इस गांव में स्वास्थ्य विभाग लम्बे समय से नहीं पहुंचा है जिसके चलते यहां बीमार ग्रामीणों को इलाज नहीं मिल पा रहा है और बीते सितंबर और अक्टूबर महीने में अब तक अज्ञात बीमारी से 16 लोगों की जान चली गई है. ग्रामीणों ने बताया कि पहले  उल्टी दस्त, बुखार की शिकायत होती है और उसके बाद अत्यधिक कमजोरी आने के बाद मौत हो जा रही है. लगातार हो रही मौत से पूरे क्षेत्र के ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है. वहीं पिछले 2 महीनों में इतनी बड़ी संख्या में ग्रामीणों की मौत होने से अब स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मच गया है.
2 महीने में 16 ग्रामीणों की मौत
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाने की वजह से लगातार उनकी मौत हो रही है. कुछ ही महीने पहले सुकमा जिले के ही कोंटा ब्लॉक में एक घोर नक्सल प्रभावित गांव में बीते 3 सालों में 60 लोगों की अज्ञात बीमारी से मौत हो गई. वहीं बीजापुर और नारायणपुर के सीमा में पड़ने वाले गांवों में कुछ ही महीने पहले 16 लोगों की जान चली गई. वहीं अब ताजा मामला सुकमा जिले के कोंडासवली पंचायत का है जहां 2 महीने में 16 ग्रामीणों की मौत हो गई है. इन मृतकों में महिला, बुजुर्ग और बच्चे शामिल हैं. 
यहां के ग्रामीणों ने बताया कि पहले ग्रामीणों की तबियत बिगड़ रही है फिर उन्हें उल्टी दस्त की शिकायत हो रही है और धीरे-धीरे शरीर में कमजोरी आ रही है जिसके बाद मौत हो जा रही है. घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र और अंदरूनी इलाका होने की वजह से यहां आस-पास कहीं स्वास्थ्य केंद्र नहीं है. ऐसे में सभी ग्रामीण झाड़-फूंक और देसी दवाइयों के भरोसे हैं लेकिन यह सब करने के बावजूद भी उनकी जान नहीं बच पा रही है. 
ग्रामीणों ने बताया कि वर्तमान में भी गांव में कई लोगों की तबीयत खराब है लेकिन उन्हें इलाज नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले सिर्फ एक बार स्वास्थ विभाग की टीम गांव में मच्छरदानी वितरित करने पहुंची थी और उसके बाद एक बार भी टीम यहां नहीं आई है और ना ही वह सुकमा शहर जा पा रहे हैं. कोई  संसाधन नहीं होने की वजह से बीमार ग्रामीणों को शहर के अस्पताल तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं जिसके चलते गंभीर रूप से बीमार ग्रामीणों की मौत हो जा रही है. ग्रामीणों ने प्रशासन से इलाज की सुविधा के लिए गुहार लगाई है. 

मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने क्या कहा
इधर सुकमा जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि विभाग को कुछ ही दिन पहले पता चला कि जगरगुंडा क्षेत्र के कोंडासवली पंचायत में कुछ ग्रामीणों की तबीयत बिगड़ी है और उन्हें उल्टी दस्त की शिकायत हुई है. ऐसे में यहां मेडिकल कैंप लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को रवाना किया जा रहा है जहां टीम एक एक ग्रामीणों की जांच करेगी. हालांकि ग्रामीणों की मौत कैसे हो रही है यह मौके पर पहुंचकर और इलाज के दौरान ही पता लगाया जा सकता है. फिलहाल स्वास्थ विभाग जल्द से जल्द बीमार ग्रामीणों का इलाज करने की कोशिश में लगा हुआ है.

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