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CG: छात्रा ने की आत्महत्या; प्रिंसिपल की प्रताड़ना से तंग आकर खाया जहर… इलाज के दौरान हुई मौत….सहेलियों ने परिजनों को दी जानकारी… थाने में हंगामा…जांच में जुटी पुलिस…

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ब्यूरो रिपोर्ट प्रमिला नेताम

CG: छात्रा ने की आत्महत्या; प्रिंसिपल की प्रताड़ना से तंग आकर खाया जहर… इलाज के दौरान हुई मौत….सहेलियों ने परिजनों को दी जानकारी… थाने में हंगामा…जांच में जुटी पुलि

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में 17 साल की एक स्कूली छात्रा ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली है। इलाज के दौरान छात्रा की मौत हो गई है। छात्रा की मौत के बाद उसकी सहेलियों ने परिजनों को बताया कि वह स्कूल के प्रिंसिपल की प्रताड़ना से परेशान थी। प्रिंसिपल ने छात्रा की पिटाई भी की थी। अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। परिजनों समेत भारी संख्या में ग्रामीण प्रिंसिपल के खिलाफ थाने में FIR करवाने पहुंचे हुए हैं। घटना के बाद से प्रिंसिपल से लगातार संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। मामला कांकेर सिटी कोतवाली क्षेत्र का है।

जानकारी के मुताबिक, दो दिन पहले गुरुवार की शाम बारदेवरी की रहने वाले 17 साल की छात्रा दुर्गेश्वरी मंडावी ने जहर खा लिया था। छात्रा की तबियत बिगड़ी तो परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे। इलाज के दौरान दूसरे दिन यानी शुक्रवार को छात्रा ने दम तोड़ दिया। जब छात्रा की मौत की खबर उसकी सहेलियों को मिली तो वे घर पहुंच गई। फिर उन्होंने परिजनों को बताया कि, स्कूल के प्रिंसिपल कृष्ण शरण तिवारी ने उसकी पिटाई की थी। वह प्रिंसिपल की प्रताड़ना से तंग आ गई थी।

बच्चों ने प्रिंसिपल पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। जिसके बाद परिजन समेत गांव के ग्रामीण प्रिंसिपल के खिलाफ FIR दर्ज करवाने कांकेर सिटी कोतवाली पहुंच गए। यहां जमकर बवाल भी किया गया। हालांकि, खबर लिखे जाने तक FIR दर्ज नहीं हुई थी। पुलिस परिजनों का बयान ले रही हैं। कांकेर थाना प्रभारी शरद दुबे ने बताया कि, छात्रा की अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारण का पता चलेगा। फिलहाल परिजनों के बयान लिया जा रहा है प्रिंसिपल से सभी बच्चे हैं परेशान
कन्हारपूरी स्कूल की छात्राओं ने प्रिंसिपल कृष्ण शरण तिवारी पर आरोप लगाया है कि, वे बात-बात पर बच्चों की पिटाई करते हैं। स्कूल के बच्चे उनकी प्रताड़ना से तंग आ गए हैं। गांव वालों ने बताया कि, हमें भी जानकारी मिल रही है कि, तबीयत खराब होने की वजह से यदि बच्चे एक दिन भी स्कूल नहीं जाते थे तो उन्हें प्रिंसिपल मारते थे। जोकि गलत है। अब प्रिंसिपल पर कार्रवाई होनी चाहिए।

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