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बलौदाबाजार हिंसा: भाजपा नेता के आरोपों पर भड़के पूर्व कैबिनेट मंत्री गुरू रुद्र कुमार, गिरफ्तारी देने पहुंचे एसपी ऑफिस

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में बलोदा बाजार हिंसा मामले में राजनीति तेज हो गई है। प्रदेश के भाजपा नेताओं ने कई कांग्रेस नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए है। इन सब के बाद छत्तीसगढ़ में सतनामी समाज के गुरू रूद्रकुमार  रायपुर के एसपी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए। जहां उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेता और सरकार में 3 मंत्रियों पर मानहानी की बात कहते हुए उनकी छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया है।बलोदा बाजार में आगजनी की घटना के बाद छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रियों ने प्रेस वार्ता कर सतनाम समाज के गुरू रूद्रकुमार की फोटो दिखाते हुए इस पूरी घटना का आरोप लगाया था।

बता दें कि राज्य सरकार के तीन मंत्री दयालदास बघेल, टंकराम वर्मा और श्याम बिहारी जायसवाल ने पत्रकारवार्ता में पूर्व मंत्री गुरु रुद्र कुमार, भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव और बिलाईगढ़ की विधायक कविता प्राण लहरे पर समाज के लोगों को भड़काने का आरोप लगाया गया है। जिसके बाद धर्मगुरु पूर्व कैबिनेट मंत्री गुरू रुद्र कुमार गिरफ्तारी देने एसपी ऑफिस पहुंचे, इस दौरान उनके साथ उनके समर्थक भी उपस्थित रहे।

एसपी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे गुरू रुद्र कुमार ने मीडिया शिव चर्चा करते हुए यह कहा कि बलौदा बाजार में समाजिक आंदोलन था जहां मै गुरू होने के नाते पहुंचा हुआ था। वहां जिस तरह से घटना हुई है मैं और पूरा समाज उसकी कड़ी निंदा करता है। सतनाम समाज के गुरु रुद्र कुमार ने भारतीय जनता पार्टी पर यह आरोप लगाया कि सतनामी समाज को बदनाम करने के उद्देश्य से बीजेपी के लोगों ने यह कूट रचना रची है।‌ इसके साथ ही मेरी फोटो को सार्वजनिक करते हुए मुझे बदनाम करने की कोशिश की गई है। गुरु रुद्र कुमार ने कहा कि मैं पुलिस प्रशासन से तीनों मंत्रियों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करने की मांग करता हूं।

क्या है पूरा मामला

15 मई को गिरौदपुरी के मानाकोनी स्थित सतनामी समाज के धार्मिक स्थल पर तोड़-फोड़ की गई थी। सतनामी समाज इसकी जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने की मांग कर रहा है। इस घटना के बाद कुछ सतनामी समाज के लोगों ने बलोदा बाजार के कलेक्ट्रेट ऑफिस को आग के हवाले कर दिया। जिसमें करोड़ों का सामान जलकर खाक हो गया। साथ ही कई लोग घायल हो गए। इस लड़ाई ने एक हिंसा का रूप ले लिया है। जिसके बाद प्रदेश में राजनीतिक बयानबाजी का सिलसिला भी शुरू हो गया है।

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