दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में डिप्टी सीएम अरुण साव की सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई है। डिप्टी सीएम का काफिला जब बालोद जिले के राजाराव पठार मेला से भिलाई की ओर आ रहा था, तब एक नीली बत्ती लगी इनोवा कार उनके काफिले में शामिल हो गई। यह कार पुलिस के काफिले का हिस्सा नहीं थी, लेकिन जब पुलिस को इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए दो लोगों को हिरासत में लिया।
बताया गया कि डिप्टी सीएम अरुण साव मंगलवार को जामुल नगर पालिका के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दुर्ग जिले में थे। इससे पहले वह बालोद जिले के राजाराव पठार मेला में शिरकत करने गए थे। काफिला बालोद से भिलाई की ओर जा रहा था, तभी अचानक एक नीली बत्ती लगी इनोवा कार (नं. CG 07 CJ 9968) उनके काफिले के साथ चलने लगी। पुलिस को जैसे ही इस बारे में जानकारी मिली, दुर्ग पुलिस सतर्क हो गई और ट्रैफिक एएसआई राजकुमार दुबे की अगुवाई में गाड़ी को रोक लिया। गाड़ी को रोकने के बाद पुलिस ने ड्राइवर को हिरासत में लिया और गाड़ी के साथ उसे नेहरू नगर स्थित ट्रैफिक टावर पर ले आई।
जब उससे पूछताछ की गई, तो उसने बताया कि वह राजाराव पठार मेला में एक बुकिंग के लिए गया था और उसे लगा कि डिप्टी सीएम के काफिले के पीछे जल्दी दुर्ग पहुंच जाएगा, इसलिए उसने अपनी गाड़ी को काफिले के पीछे लगा लिया। भिलाई नगर के सीएसपी सत्य प्रकाश तिवारी ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि यह एक गलती थी। ड्राइवर के खिलाफ चालानी कार्रवाई की जाएगी और उसे समझाइश देकर छोड़ दिया जाएगा।
इसके साथ ही क्राइम ब्रांच की टीम ने भी ड्राइवर से पूछताछ की। गाड़ी में लगी नीली बत्ती के बारे में पूछे जाने पर, ड्राइवर ने बताया कि यह गाड़ी नेवई निवासी चंपालाल टंडन की है और पहले यह गाड़ी पुलिस लाइन दुर्ग में इस्तेमाल हो रही थी। यह घटना सुरक्षा व्यवस्था में चूक की ओर इशारा करती है और पुलिस विभाग ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है।