बेरोजगार युवकों से ठगी करने वाले गैंग के अन्य आरोपियों की जानकारी जुटाई जा रही है।छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में पुलिस ने सरकारी नौकरी लगाने वाले गैंग का पर्दाफाश करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
गैंग के सदस्य अलग-अलग जिलों के बेरोजगारों को अपने झांसे में लेकर बिना वेकेंसी निकले पुलिस, PWD, जेल, PHE, वन विभाग और शिक्षा विभाग म.एडिशनल एसपी सिटी राजेंद्र जायसवाल, प्रशिक्षु आईपीएस व सिविल लाइन सीएसपी निमितेश सिंह ने प्रेस कांफ्रेस में बताया कि पुलिस को जानकारी मिली कि कपिल गोस्वामी नाम का व्यक्ति उसके उसके साथी मिलकर बेरोजगार युवकों को सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देकर फर्जी प्रमाण पत्र देकर ठगी कर रहे हैं।
सूचना को एसपी रजनेश सिंह ने गंभीरता से लिया और बिना शिकायत के आरोपियों की धरपकड़ करने के लिए टीम गठित की।आरोपियों से फर्जी नियुक्ति पत्र, सील और 13 लाख कैश बरामद किया गया है। छापेमारी में मिले फर्जी नियुक्ति पत्र,, सर्विस बुक और सरकारी विभागों के सील पुलिस की टीम ने जानकारी जुटाई, तब पता चला कि आरोपियों ने सक्ती जिले के हसौद क्षेत्र के भातमाहुल निवासी गोविंद चंद्रा (35) पिता जतीराम चंद्रा से पैसे की वसूली की है। इसके एवज में उसे नौकरी लगाने का झांसा देकर फर्जी नियुक्ति पत्र दिया गया है।
इसी आधार पर टीम ने जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा निवासी मुख्य आरोपी कपिल गोस्वामी उर्फ कपिलेश्वर, गुरुशंकर दिव्य और पुरुषोत्तम तिवारी के साथ ही राजेंद्र पलांगे के घर में दबिश दी। जहां, फर्जी नियुक्ति पत्र, फर्जी सेवा पुस्तिका के साथ ही अलग-अलग विभागों के सील मुहर और जेल प्रहरी की वर्दी बरामद की गई।
सरपंच प्रतिनिधि, कथित पत्रकार ने बनाया गैंग पुलिस की पूछताछ मे पता चला कि गैंग का सरगना कपिल गोस्वामी है, जो सरपंच प्रतिनिधि ईश्वर चौहान व कथित पत्रकार गुरू दिव्य शंकर के साथ मिलकर गैंग बनाया। जिसके बाद गैंग के सदस्य बेरोजगार युवकों को सरकारी विभागों में बिना वेकेंसी निकले नौकरी लगाने का लालच देते थे। उसके साथी उन्हें फर्जी नियुक्ति आदेश दिखाकर जाल फंसाते थे।
बेरोजगार युवक बेकडोर नौकरी लगने की लालच में आकर उनके चंगुल में फंसकर उन्हें पैसे दे दिए। जिसके बाद फर्जी नियुक्ति आदेश लेकर संबंधित विभागों के चक्कर काटते रहे।बेरोजगार युवकों को शिकार बनाता था गैंग।रौब दिखाने रखते थे ड्राइवर और बॉडी गार्ड एएसपी जायसवाल ने बताया कि गिरोह के सरगना कपिल गोस्वामी सरकारी विभागों में अपना पहुंच होने का रौब दिखाता था।
युवकों को झांसे में लेने के लिए वह इनोवा कार में ड्राइवर और बॉडी गार्ड लेकर चलता था। उसके ठाठ, बाठ देखकर बेरोजगार युवक अपने घर के रिश्तेदारों, परिजनों से उधार रकम लेकर, घर के जेवर गिरवी रखकर नौकरी की चाह में पैसा एकत्र कर कपिल गोस्वामी देते थे।
जिसके बाद रकम देने पर कपिल गोस्वामी युवकों को फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र दिखाकर डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन कराने के नाम पर उनके ओरिजनल सर्टिफकेट लेकर वेरीफिकेशन के बाद नियुक्ति पत्र और सर्विस बुक देने का झांसा देता था।
पीड़ित भी बन गया गिरोह का सदस्य पुलिस ने बताया कि शुरूआत में उनके झांसे में आकर राजेंद्र पलांगे ने सरकारी नौकरी लगने की लालच में फंस गया था। जब उसे नौकरी नहीं मिली तो वो पैसा वापस मांगने लगा। जिस पर कपिल गोस्वामी ने उसे ग्राहक लाने पर कमीशन देने और पैसा वापस करने का झांसा दिया।
जिसके बाद राजेंद्र पलांगे कमाई की लालच में आकर खुद गैंग का सदस्य बन गया और बेरोजगार युवकों को झांसे में लेने लगा। पुलिस ने राजेंद्र पलांगे को भी आरोपी बनाया है।शातिर ठग है सरगना, पहले भी जा चुका है जेल पुलिस की पूछताछ में पता चला कि गैंग का मुख्य सरगना कपिल गोस्वामी शातिर ठग है। वो पहले भी इस तरह से बेरोजगार युवकों को नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करता था।
कवर्धा पुलिस ने ऐसे ही केस में उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जेल से छूटने के बाद वो बिलासपुर आ गया और संभाग सहित दूसरे जिलों के बेरोजगारों को चुंगल में लेकर ठगी करने लगा।चार पीड़ित मिले, दूसरे जिलों के बेरोजगारों को भी बनाया शिकार पुलिस ने जांच के दौरान सक्ती जिले के गोविन्द चंद्रा, पचपेड़ी निवासी नंद कुमार शांडिल्य, धुर्वाकारी निवासी नितीश कुमार भारद्वाज और धुर्वाकारी के ही नितीश कुमार भारद्वाज की पहचान की है, जिनसे आरोपियों ने पैसे की वसूली की है।
इन्होंने मिलकर आरोपियों को करीब 22 लाख रुपए दिए हैं।पुलिस की अपील, बिना वेकेंसी के नहीं मिलती सरकारी नौकरी प्रशिक्षु आईपीएस निमितेश सिंह ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ करने पर पता चला है कि उन्होंने जांजगीर चाम्पा, बिलासपुर, सक्ती, रायपुर, बलौदा बाजार जिले के लगभग 25-30 युवकों से धोखा धड़ी किया जाना स्वीकार किया है। पुलिस उनकी जानकारी जुटाकर संपर्क करने का प्रयास कर रही है।
बिलासपुर पुलिस ने अपील की जाती है कि इस तरह के ठगो से सावधान रहें और किसी भी व्यक्ति द्वारा नौकरी लगाने का झांसा देकर पैसे की मांग करने पर इसकी सूचना पुलिस को देवें। पुलिस ने यह भी कहा है कि किसी भी विभाग में बिना वेकेंसी की नौकरी नहीं लगती। ऐसे में इस तरह के गिरोह से सावधान रहें।
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