20 लाख रुपए की इनामी नक्सली निर्मला ने डाले हथियार, 30 सालों तक संगठन में थी सक्रिय
25 मई 2013- ये वो तारीख है जिस दिन बस्तर जिले के दरभा घाटी के झीरम में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला किया था। जिसमें कांग्रेस के महेंद्र कर्मा समेत कुल 33 नेता और पुलिसकर्मी मारे गए थे। इसी नरसंहार में शामिल रही हार्डकोर महिला नक्स.तेलंगाना पुलिस के मुताबिक, मंजुला उर्फ निर्मला की उम्र करीब 45 साल है। ये साल 1994-95 से माओवाद संगठन के साथ जुड़कर काम कर रही थी।
तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के बॉर्डर में पीपुल्स वार ग्रुप नरंसपेटा दल में शामिल हुई थी। वहीं दंडकारण्य विशेष जोनल कमेटी की एरिया सचिव, मेडिकल टीम प्रभारी और दरभा डिविजनल कमेटी के सदस्य के रूप में भी कार्य कर चुकी है।आधुनिक हथियार चलाती थीवर्तमान में ये दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति और दक्षिण उप – क्षेत्रीय ब्यूरो की सदस्य थी। ये AK-47 और इंसास जैसे आधुनिक हथियार रखती थी।
बड़े लीडरों के साथ बैठ वारदात की प्लानिंग करने में इसकी अहम भूमिका होती थी। बस्तर के दरभा डिवीजन में इसने काफी आतंक मचाया था।कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर किया था हमलावहीं साल 2013 में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला करने की घटना में यह शामिल रही है। यहां एंबुश लगाने की प्लानिंग टीम में भी यह शामिल थी। पुलिस मंजुला उर्फ निर्मला के सरेंडर को बड़ी कामयाबी मान रही है।
फिलहाल इसने सरेंडर क्यों किया है ये अभी स्पष्ट नहीं है। पुलिस मंजुला से पूछताछ कर रही है।इससे दोनों राज्यों को होगा फायदावारंगल पुलिस आयुक्त अंबर किशोर झा के मुताबिक ये बड़े लीडरों के साथ काम कर चुकी है। ऐसे में इससे नक्सल मामलों में छत्तीसगढ़ और तेलंगाना दोनों राज्यों की पुलिस को फायदा होगा।