भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ दायर चुनाव याचिका की सुनवाई के दौरान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, अशोका गार्डन के बैंक मैनेजर संदीप मालवीय ने उच्च न्यायालय में अपने बयान दिए हैं. उन्होंने कहा कि बैंक के एक कर्मचारी ने उन्हें राशि वसूलने के लिए गुमराह करते हुए रिकवरी लेटर पर हस्ताक्षर करवाए. मैनेजर ने यह स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी आरिफ मसूद या उनकी पत्नी को कोई पत्र जारी नहीं किया.
ये जानकारी भी दी
इस मामले में उन्होंने एक रजिस्टर भी प्रस्तुत किया, जिसमें पत्रों की जानकारी दर्ज है. मैनेजर ने बताया कि उच्च न्यायालय द्वारा उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति के आदेश के बाद उन्हें अपने करियर को खतरे में डालने की धमकियां मिल रही हैं. न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने बयान को रिकॉर्ड में लेकर अगली सुनवाई की तारीख 8 नवम्बर तय की है. बैंक मैनेजर को फिर से उपस्थित होने के लिए कहा गया है.
भाजपा के प्रत्याशी ध्रुव नारायण सिंह ने आरिफ मसूद के निर्वाचन को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में एक चुनाव याचिका दाखिल की थी. इसमें आरोप लगाया गया कि आरिफ मसूद ने अपने और पत्नी के नाम पर लिए गए बैंक लोन का उल्लेख अपने नामांकन पत्र में नहीं किया, जिसे उन्होंने जानबूझकर छिपाया है.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश
आरिफ मसूद ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि बैंक द्वारा पेश किए गए लोन से संबंधित दस्तावेज फर्जी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय को इन दस्तावेजों की जांच का निर्देश दिया था. उच्च न्यायालय ने इस संदर्भ में एसबीआई अशोक गार्डन के पूर्व ब्रांच मैनेजर को व्यक्तिगत रूप से तलब किया. अनावेदक विधायक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजय गुप्ता और चुनाव याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजय मिश्रा ने अपनी दलीलें प्रस्तुत कीं.अब इस मामले की आगामी सुनवाई में बैंक मैनेजर का बयान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
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