बिलासपुर। सेंट्रल जेल बिलासपुर पर लगे गंभीर आरोपों के बाद आज कलेक्टर अवनीश शरण और एसपी रजनेश सिंह ने शाम को जेल का औचक निरीक्षक किया। दलबल के साथ पहुंचे अधिकारियों ने जेल का चप्पा–चप्पा छान मारा। दंडाधिकारियों की टीम के अलावा पुलिस अधिकारियों की टीम भी भारी संख्या में कलेक्टर एसपी के साथ थी। बता दे पिछले कुछ दिनों से जेल प्रबंधन पर लग रहे आरोपों के बीच कलेक्टर एसपी का जेल में औचक निरीक्षण चर्चा का विषय बन गया है।
पिछले दिनों जेल में बंद कैदी नवीन निर्मलकर के परिजनों ने बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण से शिकायत करते हुए बताया था कि उसके भाई के साथ जेल में हत्या के आरोपी लोकेश तिवारी ने मारपीट की है। हमलावर लोकेश तिवारी पर कार्यवाही करने की बजाय उल्टा उसके भाई को ही सेल में डाल दिया गया है। लोकेश तिवारी को विराट अपहरण कांड में सजायाफ्ता कैदी अनिल सिंह का संरक्षण प्राप्त है। अनिल सिंह जेल अधिकारियों को खास है और उसे बिना योग्यता के चक्कर नंबरदार बना दिया गया है। अनिल सिंह के संरक्षण के चलते ही लोकेश तिवारी को हवालाती बंदी होने के बावजूद भी कैदी वार्ड में रखा जाता है। अनिल सिंह के माध्यम से कैदियों को प्रताड़ित करो वसूली करवाया जाता है।
उक्त घटना के सामने आने के बाद उल्टा नवीन निर्मलकर को ही जांजगीर जेल ट्रांसफर कर दिया गया था। इसके बाद एक कन्या बंदी के परिजन ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर जेल में सामान सप्लाई करने वाले व्यक्ति एक जेल प्रहरी और अनिल सिंह पर लंबे समय से वसूली करने का आरोप लगाया। पत्र में बताया गया है कि अनिल सिंह पिछले तीन माह में कैदियों को परेशान कर लाखों रुपए वसूल कर चुका है। वह अपने कवर्धा निवासी भाई के काउंटर फोनपे में कैदियों पर दबाव बनाकर उनके परिजनों से पैसे ट्रांसफर करवाता है नहीं करने पर जेल में प्रताड़ित करता है। पिछले तीन माह में ही लाखों रुपए अनिल सिंह के भाई के खाते में बंदियों के परिजन ट्रांसफर कर चुके हैं। इसके अलावा जेल में सामान सप्लाई करने वाला व्यक्ति नारायण क्वालिटी का चावल दाल जेल में सप्लाई करता है जिसमें कीड़े होते हैं। शिकायत के अनुसार नारायण का दावा है कि जेल उसके अनुसार चलेगी और वह इसके लिए अधिकारियों की बेगारी करता है।
शिकायतों को संज्ञान में लेकर आज कलेक्टर अवनीश शरण एवं पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह निगम आयुक्त अमित कुमार तथा एसडीएम पीयूष तिवारी के साथ जेल के औचक निरीक्षण में शाम को पहुंचे। उन्होंने जेल के बैरकों की जाकर तलाशी ली। कैदियों के सामानों की तलाशी लेकर यह सुनिश्चित किया कि कोई भी संदिग्ध सामान जेल में उपयोग तो नहीं किया जा रहा है। कैदियों से भी उन्होंने बात कर जेल की वस्तु स्थिति और उन्हें मिलने वाली सुविधाओं का जायजा लिया। जहां खामियां दिखाई दी उसके लिए जेल अधीक्षक को कमियों को पूरा करने के लिए निर्देश दिया।
करीबन 45 मिनट तक जेल का औचक निरीक्षण करने के पश्चात बाहर निकले कलेक्टर–एसपी ने मीडिया से भी बात की। इस दौरान कलेक्टर ने बताया कि जेल में औचक निरीक्षण उन्होंने किया है।
इस दौरान उत्पीड़न और उगाही का मामला फिलहाल सामने नहीं आया है। शिकायत की जानकारी उन्हें मीडिया के माध्यम से ही मिली है जिसके संबंध में जेल अधीक्षक से जवाब मांगा गया है। कलेक्टर ने बताया कि जहां कमियां थी उसे दुरस्त करने के लिए जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया है। खाने की क्वालिटी बनाए रखने के लिए निर्देशित किया गया है। जेल में कैदियों की अधिकता को देखते हुए नए जेल के निर्माण कार्य को शीघ्रता से शुरू करवाया जाएगा।
वहीं पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने कहा कि आज कलेक्टर साहब के साथ जेल का दौरा किया गया है। अब तक के निरीक्षण में सभी कुछ सही पाया गया है। चार माह पहले गैंगवार का एक प्रकरण सामने आया था। जिस पर दोनों पक्षों के खिलाफ बलवा का अपराध कायम किया गया था। कोई भी शिकायत आने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
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