छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संगठन में न्याय यात्रा की वजह से बदलाव अटक गया था। दीपक बैज ने नियुक्तियों को लेकर कहा कि नई यात्रा का जो असर है, उसका संगठन में भी असर देखने को मिलेगा। जिस तरह से न्याय यात्रा में हमारे नेता-कार्यकर्ता सक्रिय रहे इसका असर भी कह.बैज ने कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि इस महीने के अंत तक संगठन में बदल हो जाएंगे। संभवत इस महीने के अंत तक नई कार्यकारिणी बन जाएगी। एक तरह से कहा जा रहा है कि न्याय यात्रा में PCC चीफ का साथ देने वालों को ज्यादा तवज्जो मिलेगी।कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैजनियुक्तियों में लेटलतीफी की स्थिति बनती नजर आ रहीअब कांग्रेस की बैठकों और नए समीकरणों की वजह से एक बार फिर नियुक्तियों में लेटलतीफी की स्थिति बनती नजर आ रही है। संगठन में बदलाव की अटकलें तो जुलाई-अगस्त से चल रही हैं, लेकिन लगातार किसी न किसी वजह से नई नियुक्तियों पर ग्रहण लगता रहा है।पीसीसी चीफ दीपक बैज ने अगस्त के अंत तक सारी नियुक्तियां कर लेने का दावा किया था। इसी बीच AICC में हुए बदलाव ने छत्तीसगढ़ को भी प्रभावित किया। 2 नए प्रभारी सचिवों की नियुक्तियां की गई, उसके बाद न्याय यात्रा की वजह से बैज की टीम का काम अटक गया।संगठन को तेज तर्रार नेताओं की तलाशकांग्रेस में ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा है, जिनके खिलाफ चुनाव के दौरान काम नहीं करने की शिकायत मिली है। वहीं ऐसे लोगों को भी हटाए जाएंगे, जो 5 साल का कार्यकाल लगभग पूरा कर चुके हैं। संगठन को मजबूत करने वाले तेज तर्रार नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय राजीव भवनअगस्त तक आनी थी सूचीछत्तीसगढ़ कांग्रेस की कार्यकारिणी और जिला अध्यक्षों की सूची अगस्त माह में जारी होने की बात कही जा रही थी, लेकिन अगस्त और सितंबर माह भी इंतजार में ही बीत गया। कहा जा रहा है कि अब जल्द ही सूची जारी हो सकती है।प्रभारी सचिवों से भी लिया जाएगा फीडबैकबैठकों में जिला अध्यक्षों के साथ ही प्रदेश पदाधिकारियों के लिए भी नेताओं के संबंध में फीडबैक लिया जाएगा।
यही वजह है कि यात्रा के बाद प्रभारी सचिवों के फीडबैक और वरिष्ठ नेताओं की सहमति से नई टीम को लेकर फैसला होगा।चिंतन शिविर का फॉर्मूला होगा लागूकांग्रेस पार्टी में इन दिनों नई कार्यकारिणी को लेकर चर्चा है कि इस बार बनाई जा रही सूची में 50 साल से कम उम्र के लोगों की संख्या काफी अधिक है।
पायलट ने उदयपुर चिंतन शिविर के नियमों को लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसलिए AICC के निर्देश के आधार पर यह सूची तैयार की जा रही है।5 साल से अधिक समय से पदों पर बने हुए अध्यक्ष बदले जाएंगे।50% से अधिक पदों में 50 वर्ष से कम के नेताओं की सहभागिता।महिलाओं को उचित और महत्वपूर्ण स्थान।5 साल से अधिक पदों पर जमे हुए पदाधिकारियों को कूलिंग पीरियड मिलेगा।
इस दौरान वे कुछ दिन कार्यकर्ता की तरह काम करेंगे।सभी जिलों में नई पीढ़ी को मौका देंगे।1 व्यक्ति 1 पद का फॉर्मूला तय।महिला कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए छन्नी साहू पहली पसंदकांग्रेस में मोर्चा-प्रकोष्ठों में भी बड़े बदलाव के संकेत हैं। महिला कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए खुज्जी की पूर्व विधायक छन्नी साहू का नाम लगभग तय माना जा रहा है। वहीं पीसीसी के बाद विपक्ष में सबसे ज्यादा मोर्चा-प्रकोष्ठों का सक्रिय होना जरूरी है। इसलिए इन प्रमुख पदों पर तेज, आक्रामक और सक्रिय नेताओं को जिम्मेदारी देने की तैयारी की जा रही है।